अमेरिका की मनमानी, भारतीय समुद्री सीमा में बिना पूछे तैनात कर दिया अपना युद्धपोत, कही ऐसी बात

भारत के लक्षद्वीप आईलैंड में अमेरिकी नौसेना का एक युद्धपोत पहुंचा है, सबसे खास बात ये कि इसके लिए भारत से इजाजत नहीं ली गई है, अब दोनों देशों में इसे लेकर उथल पुथल मच गई है ।

New Delhi, Apr 10: भारतीय समुद्री सीमा में अमेरिका की ओर मनमानी की खबर आ रही है, लक्षद्वीप में अमेरिकी नेवी का एक युद्धपोत भेजा गया है । इस बात की जानकारी अमेरिकी नौसेना के 7वें बेड़े ने खुद दी, ये भी माना है कि भारत से इसकी इजाजत नहीं ली गई है । अमेरिका की ओर से कहा गया है कि जहाज को ‘नेविगेशनल राइट्स और फ्रीडम’ के चलते यहां भेजा गया था । हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब अमेरिका का युद्धपोत भारत के खास इकोनॉमिक जोन से गुजरा हो, लेकिन इस बार नौसेना की तरफ से जारी आक्रामक प्रेस नोट ने चर्चाएं बढ़ा दी हैं ।

अमेरिकी नौसेना ने क्‍या कहा?
अमेकिरी नौसेना की ओर से स्‍पष्‍ट किया गया है कि उनकी ओर से युद्धपोत को 130 नॉटिकल मील यानि करीब 224 किमी भारत के लक्षद्वीप के पश्चिम इलाके में भेजा गया है । यूएस सेवेन्‍थ फ्लीट की ओर से जारी किये गये प्रेस नोट में कहा गया है कि ऐसा करने से पहले ‘भारत से सहमति’ नहीं मांगी गई थी । ये भी कहा गया है कि मिसाइल डेस्ट्रॉयर यूएसएस जॉन पॉल जोन्स ‘अंतरराष्ट्रीय कानून’ में रहकर काम कर रहा था ।

क्‍या कहता है भारत का कानून
मली जानकारी के अनुसार, भारतीय कानून के मुताबिक-  महाद्वीपीय शेल्फ के अन्य आर्थिक क्षेत्र’ का इस्तेमाल करने से पहले या मार्ग से गुजरने से पहले एक नोटिस देना होता है। इस पर ही अमरीका के 7वें बेड़े का कहना है कि उन्होंने ‘नियमित फ्रीडम ऑफ नेविगेशन ऑपेरेशन्स (FONOPs)’ का संचालन किया है और यह एक देश के बारे में नहीं है । हालांकि इस मामले में भारतीय अधिकारियों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है । नौसेना के सूत्रों का कहना है कि यह बहुत कड़ा बयान था।

अमेरिका बता रहा सामान्‍य प्रक्रिया …
एक सूत्र के अनुसार, ‘अगर यह निर्दोष मार्ग था, तो कानून का कोई उल्लंघन नहीं है, लेकिन अगर 7वें बेड़े के बयान को देखें, तो यह पैसेज एक्सरसाइज की तरह लगता है।’ यानी एक पैसेज एक्सरसाइज के तहत अगर एक विदेशी जहाज किसी देश के जलमार्ग से गुजरता है, तो वह देश भी इस प्रक्रिया में उसके साथ जाता है । हालांकि, ऐसा इस मामले में नहीं हुआ । इस बीच ये भी अहम है कि कुछ समय पहले ही दोनों देशों ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन के खतरे से निपटने के लिए करीब से रहकर साथ काम करने के संकेत दिए थे । ऐसे में अमेरिका की भारतीय सीमा में बिना अनुमति की गई ये कार्रवाई सबका ध्‍यान खींच रही है ।