अमित शाह का एक फोन कॉल, इस विपक्षी शासित राज्य में बदलने लगे सत्ता के समीकरण

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तमिलनाडु के सीएम तथा कनीमोझी के सौतेले भाई एमके स्टालिन की इस कॉल से नींद उड़ गई है, वरिष्ठ द्रमुक नेताओं को लग रहा है कि सीएम इस कॉल के राजनीतिक मायने तलाश रहे हैं।

New Delhi, Feb 15 : केन्द्रीय गृह मंत्री तथा बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह के एक फोन ने तमिलनाडु की सियासत में भूचाल ला दिया है, दरअसल केन्द्र सरकार और तमिलनाडु की द्रमुक सरकार में तनाव चल रहा है, इस बीच अमित शाह के द्रमुक सांसद कनीमोझी को फोन करने की खबर जब से सामने आई है, अटकलों का बाजार गर्म हो गया है, बताया जा रहा है कि एक महीने पहले अमित शाह ने ये फोन कॉल की थी।

जन्मदिन की बधाई या कुछ और
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि अमित शाह ने 5 जनवरी को एम कनीमोझी को फोन किया था, दरअसल अमित शाह ने कनीमोझी को जन्मदिन की बधाई देने के लिये फोन किया था,  खास बात ये है कि उनकी पार्टी के नेता गृह मंत्री से एक बिल पर चर्चा के लिये लंबे समय से अपॉइंटमेंट मांग रहे हैं, जो प्रदेश को नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट से छूट देने से जुड़ा है।

कॉल की खबर से सीएम की नींद उड़ी
सूत्रों का दावा है कि तमिलनाडु के सीएम तथा कनीमोझी के सौतेले भाई एमके स्टालिन की इस कॉल से नींद उड़ गई है, वरिष्ठ द्रमुक नेताओं को लग रहा है कि सीएम इस कॉल के राजनीतिक मायने तलाश रहे हैं, MK Stalin वो इसे ना सिर्फ जन्मदिन बधाई के तौर पर देख रहे हैं, खासतौर से नीट बिल पर द्रमुक प्रतिनिधिमंडल के साथ चर्चा के लिये अमित शाह की टालमटोल को देखते हुए ये और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है, आपको बता दें कि इस कॉल के बाद 6 जनवरी को स्टालिन ने राज्य विधानसभा में कहा था कि जनप्रतिनिधियों से मिलने से मना करना असंवैधानिक है।

नीट पर चल रहा है विवाद
नीट विधायक स्टालिन सरकार तथा तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि के बीच विवाद का विषय बन गया है, हालांकि तमिलनाडु विधानसभा ने सर्वसम्मति से विधेयक को पारित कर दिया था, amit shah लेकिन राज्यपाल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी के लिये इसे नहीं भेजा है, ये घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है, जब स्टालिन राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष में अपने लिये एक बड़ी भूमिका तलाश रहे हैं, रविवार को उन्होने कहा, कि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने उन्हें फोन किया था, जल्द ही दिल्ली में बीजेपी विरोधी विपक्षी नेताओं का एक सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें राज्यों की स्वायत्तता में कटौती पर चर्चा होगी।

https://youtu.be/5R-9RC1bikI