बीजेपी के चाणक्य खुद उतरेंगे चुनावी मैदान में, इस सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा

बीजेपी को उम्मीद है कि अमित शाह की उम्मीदवारी से पार्टी को फायदा मिलेगा, हालांकि लोगों के मन में ये भी सवाल आ रहा है कि आखिर उत्तर कोलकाता सीट ही क्यों ?

New Delhi, Nov 01 : लोकसभा चुनाव 2019 के लिये काउंटडाउन शुरु हो चुका है, राजनीतिक पार्टियां अपने स्तर पर तैयारी में जुटी हुई है। बीजेपी 2014 की स्थिति दुहराना चाहती है, तो कांग्रेस कमबैक करने में लगी है, तो क्षेत्रीय पार्टियां भी पूरे दम-खम के साथ रणनीति बनाने में जुटी हुई है। बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह के बारे में दावा किया जा रहा है कि वो कोलकाता उत्तर सीट से चुनाव लड़ सकते हैं, हालांकि जब तक पार्टी औपचारिक ऐलान नहीं कर देती, तब तक ऐसी खबरों को कयास ही कहा जाता है।

क्यों मिला कयास को बल ?
दरअसल राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा इसलिये हो रही है, क्योंकि पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने एक निजी न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि वो चाहते हैं कि अमित शाह कोलकाता उत्तर सीट से चुनाव लड़ें, प्रदेश अध्यक्ष के अनुसार पीएम मोदी इस बार ओडिशा के पुरी सीट से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं, तो हम भी चाहते हैं कि अमित शाह कोलकाता उत्तर सीट से चुनाव लड़ें, इसका फायदा प्रदेश में पार्टी को होगा।

इन दो सीटों पर विचार
बीजेपी सूत्रों का कहना है कि अमित शाह पश्चिम बंगाल को लेकर विशेष रणनीति बनाना चाहते हैं, बंगाल में लोकसभा की 42 सीटें हैं, पिछले चुनाव में बीजेपी को सिर्फ 2 सीटें मिली थी, हालांकि बीजेपी की लोकप्रियता का ग्राफ काफी तेजी से बढा है, कुछ साल पहले तक यहां पार्टी का नामो-निशान नहीं था, लेकिन 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 17 फीसदी वोट मिले थे, जिसके बाद उनके यहां पैर जमाने की उम्मीद बढ गई है। कहा जा रहा है कि अमित शाह के लिये कोलकाता उत्तर के अलावा आसनसोल सीट पर भी विचार किया जा रहा है। इन्हीं दो सीटों में से एक से वो चुनाव लड़ सकते हैं।

शाह की उम्मीदवारी से बीजेपी को फायदा
बीजेपी को उम्मीद है कि अमित शाह की उम्मीदवारी से पार्टी को फायदा मिलेगा, हालांकि लोगों के मन में ये भी सवाल आ रहा है कि आखिर उत्तर कोलकाता सीट ही क्यों ? किसी दूसरी सीट से क्यों नहीं, दरअसल राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि उत्तर कोलकाता इलाके में गैर-बांग्लादेशी वोटरों की तादात काफी कम है, इसी वजह से अमित शाह के लिये इस सीट का चुनाव किया गया है। हालांकि अभी ये सीट टीएमसी के पास है, लेकिन 2014 में पार्टी ने इस सीट पर शानदार प्रदर्शन किया था।

आसनसोल सीट है बीजेपी के पास
साल 2009 में आसनसोल सीट पर टीएमसी-कांग्रेस के प्रत्याशी को 41 फीसदी वोट मिले थे, जबकि इस सीट से जीतने वाले माकपा उम्मीदवार ने 49 फीसदी वोट हासिल किये थे, बीजेपी को सिर्फ 6 फीसदी वोट से संतोष करना पड़ा था, लेकिन 2014 में स्थिति बदल गई। पार्टी ने बॉलीवुड सिंगर बाबुल सुप्रियो पर दांव लगाया, उन्होने 37 फीसदी वोट हासिल किये, जबकि टीएमसी को 30.6 और माकपा को 22 फीसदी वोट मिले। बाबुल सुप्रियो मोदी सरकार में मंत्री हैं।