संसद में अमित शाह के बयान के बाद जोरदार हंगामा, शाह ने कहा ‘हममें थी हिम्मत’

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अमित शाह ने कांग्रेस पर अवैध बांग्लादेशियों को लेकर नरमी दिखाने का आरोप लगाया, उन्होने कहा कि कांग्रेसी पीएम ने ये समझौता किया, लेकिन ये पार्टी उसे लागू नहीं कर सकी।

New Delhi, Jul 31 : असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) में करीब 40 लाख लोगों के नाम शामिल नहीं किये जाने के मसले को लेकर मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में गर्मागर्म बहस हुई। राज्यसभा सांसद और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि वो आज इस पर सवाल उठा रहे हैं, जबकि इसकी पहल खुद पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने की थी।

बीजेपी सरकार ने दिखाई हिम्मत
अमित शाह ने संसद में बोलते हुए कहा कि कांग्रेस के पास असम समझौते को लागू करने की हिम्मत ही नहीं थी, जबकि बीजेपी सरकार ने हिम्मत दिखाकर ये काम किया है। अमित शाह ने एनआरसी के विरोध को देश में रह रहे अवैध बांग्लादेशियों को बचाने की कोशिश करार दिया है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के इस बयान के बाद विपक्ष ने संसद में जबरदस्त हंगामा किया, जिसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

राजीव गांधी ने लागू किया था
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि चर्चा के दौरान ये कोई नहीं बता रहा है कि एनआरसी का मूल कहां है, ये आया कहां से है और अवैध घुसपैठियों के मुद्दे पर असम के सैकड़ो युवा शहीद हुए। उन्होने आगे बोलते हुए कहा कि 14 अगस्त 1985 को तत्कालीन पीएम राजीव गांधी ने असम अकॉर्ड लागू किया था, यही समझौता एनआरसी की आत्मा थी। इस समझौते में ये प्रावधान था कि अवैध घुसपैठियों को पहचानकर उन्हें सिटीजन रजिस्टर से अलग कर एक नेशनल रजिस्टर बनाया जाए।

अवैध बांग्लादेशियों पर नरमी
अमित शाह ने कांग्रेस पर अवैध बांग्लादेशियों को लेकर नरमी दिखाने का आरोप लगाया, उन्होने कहा कि कांग्रेसी पीएम ने ये समझौता किया, लेकिन ये पार्टी उसे लागू नहीं कर सकी। लेकिन हममें हिम्मत थी, और हमने इस पर अमल किया। उन्होने कांग्रेस से सवाल पूछते हुए कहा कि वो क्यों अवैध घुसपैठियों को बचाना चाहती है ?

विपक्ष करने लगा हंगामा
बीजेपी अध्यक्ष के इस बयान के बाद राज्यसभा में जबरदस्त शोर-शराबा होने लगा, कांग्रेस के सदस्य शोरगुल करते हुए चेयरमैन की कुर्सी तक पहुंच गये। शोर-गुल की वजह से कुछ भी सुनाई नहीं दे रहा था, लगातार शोरगुल होने के बाद चेयरमैन ने पहले 10 मिनट के लिये सदन की कार्यवाही स्थगित की, फिर जब दोबारा कार्यवाही शुरु हुई, तो फिर कांग्रेस के सदस्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे, जिसके बाद सदन का कार्यवाही दिन भर के लिये स्थगित कर दी गई।