अमिताभ बच्चन ने खत्म कर दिया था इस पूर्व वित्त मंत्री का करियर

amitabh Election

कुछ साल राजनीति में बिताने के बाद अमिताभ बच्चन ने इससे तौबा कर लिया, और फिर से वो मुंबई की गलियों में लौट गये।

New Delhi, Feb 01 : आज वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम और रेल बजट पेश किया, आज हम आपको एक ऐसे पूर्व वित्त मंत्री के बारे में बता रहे हैं, जिनका पॉलिटिकल करियर बॉलीवुड महानायक अमिताभ बच्चन से खत्म कर दिया था। तब महानायक पर भी विरोधियों ने खूब वार किये थे, हालांकि कुछ साल राजनीति में बिताने के बाद अमिताभ ने इससे तौबा कर लिया, और फिर से वो मुंबई की गलियों में लौट गये।

अमिताभ ने राजीव गांधी के कहने पर लड़ा चुनाव
बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन साल 1984 लोकसभा चुनाव में राजीव गांधी के कहने पर चुनाव लड़े थे, उन्होने इलाहाबाद सीट से दिग्गज नेता हेमवती नंदन बहुगुणा को चुनौती दी थी। amitabh-with-Rajiv-Gandhiआपको बता दें कि हेमवती नंदन बहुगुणा यूपी के पूर्व वित्त मंत्री हैं, कहा जाता है कि अमिताभ की वजह से ही उनका राजनीतिक करियर खत्म हो गया था।

कौन है हेमवती नंदन बहुगुणा ?
उत्तराखंड (तब यूपी) के बुघाणी गांव में 25 अप्रैल 1919 को हेमवती नंदन बहुगुणा का का जन्म हुआ था, पहली बार वो करछना से 1952 में विधायक चुने गये थे। Bahuguna2आपको बता दें कि बहुगुणा उत्तर प्रदेश के दो बार सीएम रहे, उन्होने 1967-68 में बतौर वित्त राज्य मंत्री शानदार बजट पेश किया था, जिसकी खूब तारीफ हुई थी, उनकी गिनती यूपी के दिग्गज नेताओं में की जाती थी।

अमिताभ ने हराया चुनाव
हेमवती नंदन बहुगुणा को अमिताभ बच्चन ने 1984 लोकसभा चुनाव में करीब 1.87 लाख वोटों से हराया था, हार के बाद बहुगुणा लोकदल में चले गये थे, HN bahuguna3जिसके बाद उनके राजनीतिक करियर का पतन हो गया था। कहा जाता है कि इलाहाबाद में अमिताभ जहां जाते थे, उनकी एक झलक पाने के लिये हजारों लोगों की भीड़ इक्ट्ठी हो जाती थी।

विपक्ष ने कहा नचनिया
विपक्षियों ने महानायक को नचनिया कहना शुरु कर दिया था, क्योंकि जहां भी वो जाते थे, वहां हजारों की भीड़ इकट्ठी हो जाती थी, amitabh Election1उनके फैंस को संभाल पाना पुलिस के लिये भी मुश्किल हो जाता था, तब हेमवती नंदन बहुगुणा ने कहा था कि इलाहाबाद के लोग नेता अमिताभ नहीं बल्कि अभिनेता बच्चन को देखने जाती है। हालांकि जब चुनाव के परिणाम आए, तो अमिताभ ने उन्हें बड़े अंतर से हराया था।

बड़ी मन्नतों के बाद पैदा हुए थे हेमवती
हेमवती नंदन बहुगुणा बड़ी मन्नतों के बाद पैदा हुए थे, उनके पिता रेवती नंदन की पहली पत्नी से 6 बेटियां थीं, तब बेटा जरुरी माना जाता था, HN Bahuguna12इसी वजह से घर वालों ने उनकी दूसरी शादी करा दी, जिससे हेमवती नंदन बहुगुणा का जन्म हुआ, उनके जन्म पर पूरे गांव में ना सिर्फ खुशियां मनाई गई, बल्कि उनकी पैदाइश को भी शुभ माना गया था, उनकी शुरुआती पढाई देवलगढ में हुई।

कमिश्नर बनना चाहते थे
हेमवती को उनके पिता ने एक बार बताया था कि जिले में सबसे बड़ा अधिकारी कमिश्नर होता है, उस समय एक अंग्रेज कमिश्नर था, HN Bahugunaतभी उनके भीतर इस पद को पाने की इच्छा जागी, तब उन्होने अपने नाम के आगे आईसीएस भी लिखना शुरु कर दिया, हालांकि आजादी के आंदोलन में जुड़ने के बाद उनके अंदर ये भावना मर गई और उन्होने अपने नाम के आगे से आईसीएस लिखना बंद कर दिया।

पिता ने जबरदस्ती कर दी शादी
यूपी के पूर्व सीएम जब आजादी के आंदोलनों में हिस्सा लेने लगे, तो उनके पिता परेशान हो गये थे, उन्हे लगा कि कहीं बेटा घर-बार छोड़कर ना चला जाए, hn-bahugunaइसलिये उन्होने धनेश्वरी देवी नामक महिला से उनकी शादी करा दी, ताकि वो घर-गृहस्थी में रम जाएं। उन्होने पिता के दबाव की वजह से शादी तो कर ली, लेकिन वो रिश्ता ना निभा पाएं, धनेश्वरी देवी से उन्हें कोई संतान भी नहीं हुई।

दूसरी शादी
हालांकि बाद में उन्होने कमला नाम की महिला से दूसरी शादी की, जिससे 3 बच्चे हुए। उनके बड़े बेटे विजय बहुगुणा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं, Rita Bahugunaतो बेटी रीता बहुगुणा जोशी यूपी की कांग्रेस अध्यक्ष थीं, हालांकि 2017 विधानसभा चुनाव से पहले उन्होने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया, वो फिलहाल लखनऊ से विधायक हैं और योगी सरकार में मंत्री हैं।