अमृतसर हादसे को अंजाम देने वाली ट्रेन के ड्राइवर के बयान चश्मदीदों के गले से नीचे नहीं उतर रहे हैं । घटना के वक्त मौजूद लोगों की मानें तो ड्राइवर सरासर झूठ बोल रहा है ।
New Delhi, Oct 22 : अमृतसर में 19 अक्टूबर को हुए भीषण हादसे के बाद इलाके में मातम पसरा हुआ है । लोगों में गुस्सा इस बात का है कि अभी तक इसमें कोई गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई है । 61 लोगों की जान चली गई और इसका कोई जिम्मेदार नहीं । क्यों वो प्रशासन जिम्मेदार नहीं हे जिसने बिना इजाजत इस कार्यक्रम का आयोजन किया । ये जानते हुए भी कि पटरी पर हजारों लोग मौजूद हैं क्यों रेलवे को इसकी जानकारी नहीं दी गई । ऐसे कई सवाल लोगों के जहन में उठ रहे हैं । सवाल ट्रेन ड्राइवर के बयान के बाद भी कई हैं । चश्मदीदों के मुताबिक ट्रेन की स्पीड और ना रुकने के पीछे जो भी बातें कही जा रही है वो सरासर झूठ है ।
‘ट्रेन पर पत्थर मार रहे थे लोग’
19 अक्तूबर को हुए हादसे को लेकर ट्रेन ड्राइवर के पुलिस और रेलवे अधिकारियों को दिए बयान में धुएं और आतिशबाजी की आवाज के साथ ये भी कहा था कि उसने ट्रेन को इसलिए नहीं रोका था, क्योंकि रावण दहन को देखने जुटी भीड़ में से कुछ लोग ट्रेन पर पत्थर फेंक रहे थे। जबकि हादसे के समय मौजूद रहे शैलेंद्र सिंह शैली ने कहा, मैं मौके पर था। ट्रेन के रुकने की बात तो दूर, उसकी रफ्तार भी धीमी नहीं हुई थी। शै
‘झूठ बोल रहा है ड्राइवर’
आपको बता दें शैलेन्द्र अमृतसर के वार्ड नंबर 46 से नगर निगम पार्षद हैं। उन्होंने कहा कि ड्राइवर झूठ बोल रहा है । शैली ने कहा, गाड़ी की स्पीड देखकर ऐसा लगा कि ड्राइवर हमें कुचलना चाहता था । ट्रेन वहां से चंद सेकंडों में गुजर गई । उन्होने कहा कि क्या ऐसे में संभव है कि जब आसपास इतने सारे लोग मर रहे हों या घायल हों तो कोई ट्रेन पर पत्थर फेंकेगा। क्या इतने दर्दनाक हादसे के दौरान तेजी से गुजर रही ट्रेन पर पत्थर फेंकना संभव है। ड्राइवर साफ झूठ बोल रहा है।
‘नहीं लगाया गया इमरजेंसी ब्रेक’
ड्राइवर ने अपने बयान में भीड़ को देखने के बाद इमरजेंसी ब्रेक लगाने की बात भी कही थी । बयान में ये भी सामने आया कि इमरजेंसी ब्रेक के बावजूद कुछ लोगों के ट्रेन के सामने आ जाने के कारण ये हादसा हो गया । ड्राइवर के मुताबिक वो लगातार हॉन दे रहा था । ड्राइवर के मुताबिक जब ट्रेन लगभग रुकने वाली थी तो लोगों ने उस पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए इसलिए उसने यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ट्रेन को आगे बढ़ा दिया ।
‘बहुत स्पीड में थी ट्रेन’
वहीं मौके पर मौजूद एक और चश्मदीद परमजीत सिंह के मुताबिक ट्रेन इतनी स्पीड में थी कि हादसा कुछ ही सेकंडों में हो गया । इस बात का सबूत हैं वो सैकड़ों वीडियो जो सामने आए हैं । साफ दिख रहा है गाड़ी स्पीड में थी, कोई इमरजेंसी ब्रेक नहीं लगाए गए, ना ही गाड़ी की स्पीड धीमी हुई । पथराव कौन करता, वहां तो सब लाशें ही लाशें देख रहे थे, लोगों की चीख पुकार ही सुनी जा रही थी ।