राफेल आरोपों पर अनिल अंबानी का राहुल गांधी को खत, खोल दिया राज कैसे मिला ठेका ?

अनिल अंबानी ने अपने लेटर में लिखा है कि उनके ग्रुप का डसॉल्ट के साथ संयुक्त उद्यम वैमानिकी और डिफेंस क्षेत्र के लिये कलपुर्जे तथा प्रणाली बनाने के लिये डील हुई है।

New Delhi, Jul 26 : अविश्वास प्रस्ताव के दौरान संसद में बोलते हुए राहुल गांधी ने राफेल डील का मसला उठाया, जिसके बाद एक बार फिर से इस पर बहस तेज हो गई है। सोशल मी़डिया पर बिजनेसमैन अनिल अंबानी का एक लेटर वायरल हो रहा है, जो उन्होने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को लिखा था, इस लेटर में राफेल मामले पर सफाई देते हुए उद्योगपति ने कई बड़ी बातें लिखी है, आपको बता दें कि अंबानी ने ये लेटर 12 दिसंबर 2017 को लिखा था।

राहुल गांधी ने उठाये थे सवाल
आपको बता दें कि इसी सप्ताह लोकसभा में राहुल गांधी ने राफेल डील पर सवाल उठाये थे, उन्होने कहा कि उनकी सरकार ने जो कीमत तय की थी, उससे कई गुना ज्यादा कीमत में सरकार विमान खरीद रही है, राहुल गांधी ने अप्रत्यक्ष रुप से मामले में भ्रष्टाचार की बात कही थी। उन्होने संसद में बोलते हुए कहा था कि पीएम के दबाव की वजह से रक्षा मंत्री देश को सच नहीं बता रही है।

गांधी परिवार से रिश्ते
अनिल अंबानी ने अपने लेटर में पीढियों से गांधी परिवार के साथ अपने सम्मान वाले संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि वो व्यक्तिगत रुप से कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं द्वारा उनके समूह के खिलाफ दिये जा रहे बयानों से दुखी हैं। दो पेज के लेटर में अनिल अंबानी ने ये भी लिखा है कि ना केवल उनके पास जरुरी अनुभव है, बल्कि रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में वो सबसे आगे हैं।

गुजरात विधानसभा चुनाव में भी उठा था मुद्दा
आपको बता दें कि ये लेटर अनिल अंबानी ने ये लेटर गुजरात विधानसभा चुनाव प्रचार के आखिरी दिन लिखा था, विधानसभा चुनाव में भी राफेल डील को लेकर काफी हो-हल्ला हुआ था। लेटर में अनिल अंबानी ने कहा कि रिलायंस डिफेंस के पास गुजरात के पीपावाव में निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा शिपयार्ड है, फिलहाल इसमें इंडियन नेवी के लिये 5 नैवल आफशोर पेट्रोल वेसल्स का विनिर्माण चल रहा है। इसके अलावा भारतीय तटरक्षकों के लिये 14 फास्ट पेट्रोल जहाज बनाये जा रहे हैं।

बीजेपी का पलटवार
राफेल डील पर बीजेपी ने गुजरात चुनाव के समय राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा था, बीजेपी प्रवक्ता ने कहा था कि वो गैर-जिम्मेदार हैं, राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों की उनकी समझ नहीं है। आपको बता दें कि मोदी सरकार ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने की डील की है। इन विमानों का विनिर्माण फ्रांस में होगा, फिर उनकी डिलिवरी डसॉल्ट विनिर्माण कारखाने से फ्लाई अवे आधार पर इंडियन एयरफोर्स को दी जाएगी।

भारतीय कंपनी की कोई भूमिका नहीं
अनिल अंबानी ने राहुल गांधी को बताया कि इसमें भारतीय कंपनी की कोई भूमिका नहीं है। डसॉल्ट ने रिलायंस ग्रुप को संयुक्त उपक्रम भागीदार के रुप में अपनी आफसेट या भारत से निर्यात की प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिये उन्हें चुना है। ये दो निजी क्षेत्र की कंपनियों के बीच स्वतंत्र समझौता है और इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं है।

हजारों नौकरियों का सृजन
अंबानी ने अपने लेटर में लिखा है कि उनके ग्रुप का डसॉल्ट के साथ संयुक्त उद्यम वैमानिकी और डिफेंस क्षेत्र के लिये कलपुर्जे तथा प्रणाली बनाने के लिये डील हुई है। डसॉल्ट एविएशऩ के साथ संयुक्त उद्यम से भारत में हजारों नौकरियों का सृजन होगा, साथ ही वैमानिकी और रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में इंजीनियरों को मूल्यवान प्रशिक्षण और कौशल उपलब्ध कराया जा सके।