‘अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट से SP का कनेक्शन’, अनुराग ठाकुर ने मांगा अखिलेश यादव से जवाब

केन्‍द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘समाजवादी पार्टी ने हमेशा अपराधियों और दंगाइयों को संरक्षण दिया है । वो अपराधियों पर लगे मुकदमों को हटाने का आश्वासन देते हैं।’

New Delhi, Feb 19: यूपी विधान सभा चुनाव के लिए तीसरे चरण की वोटिंग होने में अब कुछ घंटों का ही समय बाकी रह गया है । ऐसे में राजनीतिक दलों को एक दूसरे पर आरोप लगाने का सिलसिला लगातार जारी है । इस बीच आज केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी ) पर जमकर निशाना साधा।

‘अपराधियों को बचाती है समाजवादी पार्टी’
अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘समाजवादी पार्टी ने हमेशा अपराधियों और दंगाइयों को संरक्षण दिया है । वो अपराधियों पर लगे मुकदमों को हटाने का आश्वासन देते हैं।’ अनुराग ठाकुर ने आगे कहाAhmedabad, ‘2008 अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट में 56 लोगों की मृत्यु हुई । सैकड़ों लोग घायल हुए । कोर्ट के फैसले का हम स्वागत करते हैं, बीजेपी स्वागत करती है । जिसमें 49 आरोपियों को सजा सुनाई गई, 28 आतंकियों को फांसी की सजा और 11 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई ।

मोदी सरकार ने काम किया
अनुराग ठाकुर ने आगे कहा- ये तब हो पाया जब गुजराज के मुख्यमंत्री मोदी जी थे । SIT का गठन हुआ । 19 दिनों में  सभी आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की गई, सबूत पहुंचाने से लेकर आतंवादियों को पकड़ने तक मोदी सरकार ने काम किया और आज भी आतंकवाद को जड़ से मिटाने के लिए मोदी सरकार वचनबद्ध है । उस ब्लास्ट का भी SP और उसके नेताओं से कनेक्शन रहा है । ऐसे में अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी को इस मामले पर जवाब देते हुए अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।’ ठाकुर ने सपा प्रमुख से सवाल कर चुनाव का माहौल गरमा दिया है ।

कोर्ट का फैसला
अहमदाबाद में 2008 में हुए सीरियल ब्लास्ट केस में शुक्रवार 18 फरवरी 2022 को 49 दोषियों में से 38 को फांसी की सजा सुनाई गई, जबकि सेशंस कोर्ट ने 11 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, यानी इन्हें आखिरी सांस तक जेल में ही रहना होगा। स्पेशल कोर्ट ने यूएपीए तथा आईपीसी के सेक्शन 302 के प्रावधानों के तहत सजा का ऐलान किया है, स्पेशल जज एआर पटेल ने फैसला सुनाने के दौरान ब्लास्ट्स में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 1 लाख रुपये, गंभीर रुप से जख्मी हुए लोगों को 50 हजार रुपये तथा हल्के तौर पर चोटिल हुए लोगों को 25 हजार रुपये मुआवजे का ऐलान किया है। कोर्ट ने 48 दोषियों पर 2.85 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया, जिन दोषियों को मृत्युदंड की सजा मिली, उनमें सिर्फ उस्मान अगरबत्तीवाला ही आर्म्स एक्ट के तहत दोषी है, जबकि इस पर 2.88 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। मामले की सुनवाई ऑनलाइन माध्यम से हुई, जिसमें जेल में बंद सभी दोषी भी हाजिर हुए, कोर्ट ने इस केस को रेयर ऑफ रेयरेस्ट केस करार दिया, सबसे खास बात ये है कि ये देश के इतिहास का पहला मामला है, जिसमें एक केस में सबसे ज्यादा लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है, इससे पहले पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या के मामले में 26 लोगों को फांसी हुई थी।