सीबीआई में जंग, कार्रवाई पर अरुण जेटली का बड़ा बयान, इस वजह से छुट्टी पर भेजे गये दोनों अधिकारी

सीबीआई ने अपने ही विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, उन पर एक कारोबारी से रिश्वत लेने का आरोप है।

New Delhi, Oct 24 : सीबीआई बनाम सीबीआई का मामला गरमाता जा रहा है, इस मामले पर आज केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली ने प्रेस कांफ्रेस कर सरकार का पक्ष रखा, केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सीबीआई देश की प्रमुख जांच एजेंसी है, इसकी अखंडता बनाये रखना बेहद जरुरी है। जेटली ने आगे बोलते हुए कहा कि इस समय सीबीआई में दुर्भाग्यपूर्ण और विचित्र स्थिति पैदा हो गई है, इस जांच एजेंसी के दो शीर्ष अधिकारियों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाये हैं, सीबीआई निदेशक पर विशेष निदेशक ने आरोप लगाये है, सीबीआई के दो शीर्ष अधिकारी इस समय आरोपी हैं, इसकी जांच कौन करेगा ?

सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं
अरुण जेटली ने कहा कि इस मामले की जांच करना सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है, और ना ही सरकार इस मामले की जांच करेगी। दोनों अधिकारियों पर लगे आरोपों की जांच सीवीसी करेगी, उनके पास मामले के जांच का अधिकार है, भ्रष्टाचार के हर मामले की जांच सीवीसी कर सकती है, ये मामला भी उसी के अंतर्गत आता है।

अधिकारियों ने भेजी है शिकायत
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सीबीआई के अधिकारियों ने भी मामले में अपनी शिकायत सीवीसी को ही भेजी है, चूंकि दोनों शीर्ष अधिकारी एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं, ऐसे में इसकी जांच में ये अधिकारी शामिल नहीं हो सकते, इसी वजह से जांच पूरी होने तक दोनों अधिकारियों को अवकाश पर भेज दिया गया है। जेटली ने कहा कि हम दोनों में से किसी को भी दोषी नहीं मान रहे हैं, लेकिन कानून के अनुसार जब तक जांच पूरी ना हो जाए, तब तक उन्हें सीबीआई से बाहर रहना होगा। आपको बता दें कि सीबीआई में संकट पर पहली बार सरकार की ओर से कोई बयान आया है।

छुट्टी पर भेजे गये दोनों अधिकारी
सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया गया है, आलोक वर्मा के स्थान पर सीबीआई के संयुक्त निदेशक एम नागेश्वर राव को जांच एजेंसी का अंतरिम निदेशक नियुक्त कर दिया गया है, एम नागेश्वर राव ने अपना पदभार भी संभाल लिया है।

क्या है पूरा मामला ?
सीबीआई ने अपने ही विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, उन पर एक कारोबारी से रिश्वत लेने का आरोप है, मामले मीट कारोबारी मोइन कुरैशी से जुड़ा हुआ है। इसके बाद राकेश अस्थाना ने भी मामले में पलटवार करते हुए सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है, आपको बता दें कि सीबीआई के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब दो शीर्ष अधिकारी ही एक-दूसरे पर रिश्वत लेने का आरोप लगा रहे हैं। मामले में सीबीआई के डीएसपी देवेन्द्र कुमार को गिरफ्तार किया गया है, डीएसपी देवेन्द्र कुमार को राकेश अस्थाना का पसंदीदा अधिकारी माना जाता है, सीबीआी ने उनके घर पर छापेमारी कर 8 मोबाइल फोन और एक आईपैड जब्त किया है, इसके साथ ही मोइन कुरैशी मामले से जुड़े कुछ दस्तावेज भी बरामद किये गये हैं।