विजय माल्या ने दिया ऐसा बयान, जिसका इंतजार कर रहे थे बैंक, जेटली ने कहा झूठ बोल रहे शराब कारोबारी

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि विजय माल्या के साथ उनकी किसी तरह की औपचारिक बैठक नहीं हुई थी।

New Delhi, Sep 12 : भगोड़ा विजय माल्या लंदन की कोर्ट में पेश हुए, इसके साथ ही उन्होने एक बड़ा दावा भी किया, शराब कारोबारी ने कहा कि देश छोड़ने से पहले उन्होने फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली से मुलाकात की थी, माल्या के इस दावे के बाद भारत में राजनीतिक सरगर्मी बढ गई है। विजय माल्या के इस दावे के बाद अरुण जेटली ने कहा कि भगोड़े कारोबारी ने जिस तरीके की मुलाकात का जिक्र किया है, वो पूरी तरह से झूठ है।

जेटली ने क्या कहा ?
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि विजय माल्या के साथ उनकी किसी तरह की औपचारिक बैठक नहीं हुई थी, जेटली के अनुसार राज्यसभा सदस्य होने के नाते विजय माल्या ने अपने पद का दुरुपयोग किया, उन्होन कहा कि जब वो संसद में अपने कमरे की ओर जा रहे थे, तभी माल्या उनके पास पहुंचे और अपने ऊपर बैंकों के कर्ज के बारे में जिक्र किया, बस दोनों की इतनी ही मुलाकात हुई।

माल्या के वकील का दावा
इससे पहले विजय माल्या के वकील ने दावा करते हुए कहा कि कर्ज में डूबी किंगफिशर एयरलाइंस को हुए नुकसान के बारे में आईडीबीआई बैंक के अधिकारियों को जानकारी दी गई थी। माल्या के वकील ने कोर्ट को बताते हुए कहा कि किंगफिशर के नुकसान के बारे में बैंक के अधिकारी अच्छी तरह से जानते थे। वकील के मुताबिक सरकार का ये आरोप कि माल्या ने अपने नुकसान को छुपाया, ये बिल्कुल आधारहीन है। ये बात बैंक अधिकारियों की ओर से भेजे गये ई-मेल्स से स्पष्ट हो जाती है।

कर्ज समझौते के लिये तैयार
कोर्ट में पेशी के लिये जाते हुए विजय माल्या ने कहा कि वो कर्ज समझौते के लिये तैयार हैं, ये पूछे जाने पर कि क्या उनकी इस पेशकश पर कोर्ट का क्या रुख है, तो शराब कारोबारी ने कहा कि स्पष्ट रुप से समझौते की पेशकश की गई है, इस पर मामले की सुनवाई 18 सितंबर को होगी। आपको बता दें कि विजय माल्या पिछले साल अप्रैल में जारी प्रत्यर्पण वारंट के बाद से जमानत पर हैं।

हजारों करोड़ लेकर फरार
आपको बता दें कि विजय माल्या भारतीय बैंकों के करीब 10 हजार करोड़ रुपये लेकर फरार हो गया है, पिछले दिनों माल्या का बचाव करने वाले दल ने जेल के निरीक्षण की मांग की थी, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके, कि प्रत्यर्पण के बाद ब्रिटेन के मानवाधिकार संबंधी वादे को पूरा किया जा सके, भारत ने लंदन कोर्ट को मुंबई आर्थर रोड जेल का वीडियो भेजा था।