आसाराम केस : पीड़िता का मां ने सुनाई आपबीती, घर हो गया है जेल जैसा

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आसाराम केस : पीड़ित लड़की ने 27 दिन की लंबी जिरह में 94 पेज का बयान दर्ज कराया है, पीड़ित पक्ष की ओर से जो दस्तावेज पेश किये गये हैं, वो 104 पेज का है, इसमें 58 गवाहों की सूची भी है।

New Delhi, Apr 25 : आसाराम केस में कुछ ही घंटे में फैसला आना है, इससे पहले यूपी के शाहजहांपुर में पीडिता के घर में सन्नाटा पसरा है, घर के बाहर सुरक्षा बढा दी गई है, कोर्ट के फैसले के मद्देनजर पीड़िता के घर के बाहर महिला सुरक्षाकर्मियों की भी तैनाती की गई है। पुलिस वाले घर के भीतर किसी भी बाहरी को जाने नहीं दे रहे हैं, उन्हें इस बात का शक है कि शहर में आसाराम के समर्थक छुपे हो सकते हैं, जो कोर्ट के फैसले के बाद पीड़िता के घर पर हमला कर सकते हैं।

पीड़िता ने दर्ज कराया था बयान
पीड़ित लड़की ने 27 दिन की लंबी जिरह में 94 पेज का बयान दर्ज कराया है, पीड़ित पक्ष की ओर से जो दस्तावेज पेश किये गये हैं, वो 104 पेज का है, rape-victimइसमें 58 गवाहों की सूची भी है। आपको बता दें कि मामले में पीड़िता को डराने-धमकाने की भी खूब कोशिश की गई, लेकिन पीड़िता अपने आरोप और बयान पर डिगी डरी, वो ना तो डरी और ना ही अपने बयान से मुकरी।

12 जमानत याचिका खारिज
कथित संत आसाराम ने 12 बार जमानत की अर्जी दी, जिसमें 6 अर्जी ट्रायल कोर्ट ने खारिज की, तो 3 राजस्थान हाई कोर्ट और 3 सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। asaram1आपको बता दें कि 1 सितंबर 2013 को आसाराम की गिरफ्तारी हुई थी, करीब साढे चार साल से ये कथित संत जेल में बंद हैं, हालांकि केस को उलझाने के लिये कई पैंतरे इस्तेमाल किये गये, लेकिन वो अपने मकसद में सफल नहीं हो सके।

लड़की को बालिग साबित करने की कोशिश
आपको बता दें कि इस केस में बचाव पक्ष ने पीड़ित लड़की को बालिग साबित करने की भी कोशिश की, हालांकि वो अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाये। noida gang rapeइसके साथ ही केस को कमजोर करने के लिये पीड़िता से तरह-तरह के सवाल किये गये, ताकि वो जिरह सुन डर जाए और मामले से किनारा कर ले। लेकिन पीड़िता ना तो डरी और ना ही डिगी, वो अपने बयान पर कायम रही।

कैद में दिन गुजार रही पीड़िता
पीड़िता के माता-पिता के अनुसार पिछले साढे चार साल से उनका परिवार कैद में दिन गुजार रहा है, पीड़िता की मां ने कहा कि हम इन सालों के बारे में क्या बताएं, policeहमारी बेटी तो किसी बाहरी आदमी से बात तक नहीं करती, मैं भी खुद को दिन भर के कामों में उलझाये रखती हूं, पहले की तरह अब हम बाहर घूम नहीं सकते, 24 घंटे सुरक्षा में रहना पड़ता है, अब हम आदमी की तरह नहीं जी पातीं।

पीड़िता नहीं करती मोबाइल इस्तेमाल
पीड़ित लड़की की मां ने आगे बताते हुए कहा कि मेरी बेटी ने तको साढे 4 साल से मोबाइल तक इस्तेमाल नहीं किया है, जब वो घर से बाहर ही नहीं निकलती, तो करेगी क्या ? उसे इन बातों का बहुत तकलीफ होती है, क्या बताएं, हम चाहते हैं कि जल्दी से जल्दी पूरे मामले से पीछा छूटे, मेरे बेटे को आये दिन धमकी मिलती रहती है, हमारे पति और बेटा जब भी घर से बाहर होते हैं, तो हमें डर लगा रहता है।

सब कुछ भूलना चाहते हैं
पीड़िता के पिता ने बताया कि अपनी जिंदगी में इतना पीछे होने के बाद कोई कैसे आगे बढ सकता है, आप ही बताइये। फिर भी हम कोशिश कर रहे हैं, Asaram-Bapuकि इन सब से आगे बढ़ें, जिंदगी है, जीना तो पड़ेगा। इस दौरान कई घटनाएं हुई, क्या-क्या बताएं, अब तो हम बस इन बातों को भूलना चाहते हैं, याद करो, तो टेंशन होती है, अगर फैसला हमारे पक्ष में आ गया, तो क्या होगा, हमारे सोचने से कुछ नहीं होता है।