असीम अरुण की शुरुआती पढाई लखनऊ से हुई, उसके बाद उन्होने दिल्ली से स्नातक किया, फिर सिविल सेवा की तैयारी करने करे, उनका चयन भी हो गया।
New Delhi, Jan 11 : कानपुर के पहले पुलिस कमिश्नर तथा 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी असीम अरुण वीआरएस लेकर अपने करियर की दूसरी पारी एक राजनेता के तौर पर शुरु करना चाहते हैं, असीम बीजेपी के टिकट पर आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, रिपोर्ट के अनुसार वो अपने गृह जनपद कानपुर मंडल के कन्नौज सदर से चुनावी ताल ठोक सकते हैं, एक आईपीएस के तौर पर उनका करियर शानदार रहा, 3 अक्टूबर 1970 को बदायूं जिले में पैदा हुए असीम के पिता श्री राम अरुण भी आईपीएस अधिकारी थे, वो प्रदेश के डीजीपी भी रहे, उनकी मां शशि अरुण एक जानी-मानी लेखिका हैं।
शिक्षा-दीक्षा
असीम अरुण की शुरुआती पढाई लखनऊ से हुई, उसके बाद उन्होने दिल्ली से स्नातक किया, फिर सिविल सेवा की तैयारी करने करे, उनका चयन भी हो गया, पिता की तरह उन्होने भी आईपीएस बनने का फैसला लिया। अपने करियर के दौरान असीम अरुण अपनी तेज-तर्रार कार्यशैली से यूपी पुलिस की रीढ बन गये।
ISIS आतंकी को ढेर कर चर्चा में आया
आईपीएस बनने के बाद असीम अरुण यूपी के कई जिलों में पुलिस कप्तान बनकर रहे, फिर यूपी एटीएस के चीफ बने, असीम तब चर्चा में आये थे, जब उन्होने लखनऊ में छिपे आईएसआईएस आतंकी को ढेर कर दिया, असीम को जानकारी मिली थी कि कानपुर के जाजमऊ केडीए कॉलोनी निवासी आतंकी सैफुल्लाह किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की कोशिश में है, तो उन्होने एटीएस कमांडो के साथ ठाकुरगंज इलाके में उसे मार गिराया था। असीम की निर्भीक छवि तथा शानदार करियर की वजह से उन्हें देश के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की सुरक्षा में भी शामिल किया गया था, उसमें वो एसपीजी के क्लोज प्रोटेक्शन टीम के हेड थे, इसके साथ ही एसपीजी, एनएसजी और सीबीआई में भी सेवाएं दे चुके हैं।
यूपी में स्वॉट टीम गठन की शुरुआत
2009 में अलीगढ में तैनाती के दौरान असीम अरुण ने प्रदेश में जिलेवार स्वॉट टीम के गठन की शुरुआत की, इसके बाद आगरा में डीआईजी रहते हुए उन्होने वहां भी इस टीम की शुरुआत की, स्वॉट टीम आतंकी वारदातों से निपटने तथा खतरनाक मिशन को पूरा करने के लिये गठित की जाती है, जिसमें प्रत्येक कमांडो बड़े और आधुनिक हथियारों से लैस होते हैं।