NRC लिस्ट : उल्फा प्रमुख परेश बरुआ का नाम शामिल, पूर्व राष्ट्रपति के भतीजे का नाम गायब

जियाउद्दीन ने कहा कि मैं पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद का भतीजा हूं, मेरा नाम एनआरसी की सूची से गायब है, मेरे पिता जी का नाम भी लिस्ट में नहीं है।

New Delhi, Aug 01 : असम में सोमवार तीस जुलाई को जारी हुए एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) के अंतिम ड्राफ्ट में यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के प्रमुख परेश बरुआ का भी नाम शामिल है। लेकिन उनकी पत्नी बॉबी भुयन और दोनों बेटों (अरिंदम और आकाश) का नाम सूची से गायब है, आपको बता दें कि उल्फा प्रमुख का नाम इससे पहले 31 दिसंबर 2017 को जारी हो चुके पहले ड्राफ्ट में भी सामने आ चुका था।

उग्रवादी संगठन है उल्फा
आपको बता दें कि यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम यानी उल्फा एक उग्रवादी संगठन है, जो स्वायत्त असम के लिये सशस्त्र आंदोलन करने में सक्रिय रहा है। परेश बरुआ इसी संगठन के प्रमुख हैं, और वो म्यांमार से लेकर चीन तक भागकर और छिप-छिपाकर रह चुके हैं।

पूर्व राष्ट्रपति के भतीजे का नाम गायब
असम में जारी हुए एनआसरी के अंतिम ड्राफ्ट में इसके अलावा दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के भतीजे का नाम नहीं है। इनका नाम जियाउद्दीन है, वो पूर्व राष्ट्रपति के भाई इकरामुद्दीन अली अहमद के बेटे हैं, वो असम के कामरुप जिले के रंगिया इलाके में रहते हैं। ड्राफ्ट में नाम ना होने की वजह से पूर्व राष्ट्रपति के भाई का परिवार हैरान रह गया है, परिजनों का कहना है कि वो दस्तावेज ढूढेंगे, जिसके आधार पर एनआरसी लिस्ट में अपने नाम दर्ज कराने का दावा पेश कर सकेंगे।

चिट्ठी भेजी जाएगी
जियाउद्दीन ने कहा कि मैं पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद का भतीजा हूं, मेरा नाम एनआरसी की सूची से गायब है, मेरे पिता जी का नाम भी लिस्ट में नहीं है, इसलिये हम थोड़े से चकित हैं। सोमवार को रजिस्ट्रार जनरल एंड कन्सेंसेस कमिश्नर शैलेश ने कहा कि जिन लोगों का नाम एनआरसी के अंतिम ड्राफ्ट में नहीं है, उन्हें अपने नाम सूची में दर्ज कराने के लिये व्यक्तिगत तौर पर चिट्ठी भेजी जाएगी।

जिनका नाम नहीं, उन्हें मौका मिलेगा
शैलेश ने आगे बोलते हुए कहा कि इस प्रक्रिया में पारदर्शिता और नियम-कानून का पूरा पालन किया गया है, जिनके भी नाम नहीं है, उन्हें भी अपना दावा पेश करने का पूरा मौका दिया जाएगा, रजिस्टार जनरल ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि ये अंतिम सूची नहीं है। प्रदेश के सीएम सर्बानंद सोनोवाल ने भी लोगों से अपील की थी कि अगर उनके नाम सूची में ना हो, तो वो परेशान ना हो, उनका नाम शामिल कर लिया जाएगा।