यूपी फतह के लिये फॉर्मूला तैयार, गुजरात के बाद ‘काशी मॉडल’ दिखाएगी बीजेपी

Yogi modi

आरएसएस और बीजेपी के राजनैतिक रोडमैप पर अयोध्या के साथ-साथ काशी और मथुरा के माइल स्टोन भी अंकित हैं।

New Delhi, Dec 07 : 2014 में बीजेपी के केन्द्र में आने के साथ ही पार्टी में मोदी युग की शुरुआत हुई, इसे मुकाम तक पहुंचाने में उस गुजरात मॉडल का भी खास योगदान रहा, जिसका विजन डॉक्यूमेंट पार्टी ने लोकसभा चुनाव से पहले पेश किया था, अब यूपी में सत्ता में वापसी के लिये पार्टी ने काशी मॉडल तैयार किया है, इस मॉडल को देशप्रदेश में घर-घर पहुंचाने के लिये व्यापक योजना तैयार की गई है, चलो काशी का उद्घोष करने वाली बीजेपी अब दिव्य काशी-भव्य काशी का जलवा देश-दुनिया में दिखाने की तैयारी में है।

रोडमैप तैयार
आरएसएस और बीजेपी के राजनैतिक रोडमैप पर अयोध्या के साथ-साथ काशी और मथुरा के माइल स्टोन भी अंकित हैं, अयोध्या में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मंदिर निर्माण के एजेंडे पर बीजेपी आगे बढ चुकी है, वहीं काशी के कायाकल्प की नींव 2014 में तब रखी गई, जब मोदी ने इसे अपनी कर्मस्थली बनाकर कहा कि मुझे मां गंगा ने बुलाया है, Modi yogi1 काशी में यूं तो सड़क, बिजली, पानी हवा जैसी आधारभूत सुविधाओं के विकास के अलावा भी बहुत काम हुए, लेकिन मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर था, पीएम 13 दिसंबर को इसका लोकार्पण करने वाले हैं, इसके साथ ही काशी में एक अघोषित कुंभ का भी आगाज होगा, जहां देश दुनिया के लोग जुटेंगे, काशी मॉडल के जरिये बीजेपी की योजना चुनावी माहौल बनाने की है।

क्या है काशी मॉडल
काशी विश्वनाथ मंदिर की भव्यता का एहसास वाराणसी में एंट्री करते ही होने लगेगा, फिर चाहे वो बाबतपुर एयरपोर्ट से शहर में जाने वाला रास्ता हो, या फिर स्टेशन और उसका आस-पास का इलाका, रात में भी बाबा विश्वनाथ की आकृति रंग-बिरंगी लाइटों के साथ आकाश में उभरती दिखेगी, काशी को विश्व के धार्मिक पर्यटन के नक्शे पर प्रमुखता से स्थापित करने की योजना है, मोदी के काशी मॉडल को आकार देने में योगी सरकार ने भी एड़ी-चोटी का जोर लगा रखा है।

कैसे पहुंचेगा घर-घर
काशी में 13 दिसंबर से मकर संक्रांति यानी 14 जनवरी तक कार्यक्रमों की पूरी श्रृंखला आयोजित हो रही है, जिसमें बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों का भी समागम होना है, इसके अलावा देश के मेयर, जिला पंचायत अध्यक्ष, टूर ऑपरेटर, उद्योगपति, ब्लागर, लेखक, धर्माचार्य, दलित-अनुसूचित विचारक, कलाकार, शिल्पकार, कथाकार, कारीगर, वास्तुविद् और देश के तमाम मंदिरों से आये प्रतिनिधियों के अलग-अलग सम्मेलन होने हैं, yogi modi विदेशी राजदूतों को भी न्योता भेजा गया है, यूथ फेस्टिवल के साथ ही सुशासन यात्रा भी निकलेगी, इन सबके जरिये काशी मॉडल को घर-घर पहुंचाने की प्लानिंग है।