मोदी आडवाणी जी के पहले से करीबी थे, लेकिन जब उन्हें गुजरात से दिल्ली बुलाया गया था, तो अटल बिहारी वाजपेयी जी के भी करीब काम करने का मौका मिला।
New Delhi, Aug 16 : देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एम्स में भर्ती हैं, उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है । उनसे जुड़े पुराने किस्से लोग याद कर रहे हैं, ऐसा ही एक किस्सा आज हम आपको बताते हैं, दरअसल नब्बे के दशक के आखिर में गुजरात बीजेपी में केशुभाई पटेल और शंकर सिंह बाघेला के बीच सत्ता का घमासान मचा हुआ था, अटल-आडवाणी वहां के गुटबाजी से परेशान थे, जिसके बाद फैसला लिया गया, कि सूबे में संगठन के सबसे कद्दावर चेहरे नरेन्द्र मोदी को दिल्ली बुला लिया जाए।
अटल के बन गये करीबी
मोदी आडवाणी जी के पहले से करीबी थे, लेकिन जब उन्हें गुजरात से दिल्ली बुलाया गया था, तो अटल जी के भी करीब काम करने का मौका मिला। जान-पहचान तो पहले से थी, लेकिन दिल्ली में प्रवास के दौरान मोदी अटल-आडवाणी के और करीबी बन गये। इसी दौरान अटल-आडवाणी ने उनकी क्षमता और कार्य-कुशलता को नजदीक से देखा, जिसके बाद उन्हें गुजरात का सीएम बनाने का सोचा ।
गुजरात में जारी था झगड़ा
साल 2001 में गुजरात के भुज में भूकंप आया, जिसके बाद विपक्ष केशुभाई पटेल सरकार पर हमलावर थी, विपक्ष का आरोप था कि सरकार परिस्थितियों को ठीक ढंग से संभाल नहीं पा रही है, नतीजा ये हुआ कि उपचुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा, अटल-आडवाणी ने आने वाले खतरे को भांपते हुए सीएम बनने की मुहिम शुरु कर दी। इसी कड़ी में दोनों ने फैसला लिया कि नरेन्द्र मोदी को गुजरात का सीएम बना दिया जाए। साल 2001 में अटल जी ने मोदी को फोन किया।
श्मशान में थे मोदी
जब अटल जी ने खुशखबरी सुनाने के लिये फोन किया था, तो मोदी ने बताया कि वो श्मशान में हैं, चिंतित वाजपेयी ने उनसे पूछा कि घर परिवार सब ठीक है, तो उन्होने कहा कि दरअसल मैं एक पत्रकार (फोटोग्राफर) गोपाल के अंतिम संस्कार में आया हूं। आपको बता दें कि गोपाल की माधव राव सिंधिया के साथ प्लेन क्रैश में मौत हो गई थी। मोदी ने कहा था कि सिंधिया की अंतिम यात्रा में तो कई लोग शामिल होंगे, लेकिन गोपाल की अंतिम यात्रा में दो-तीन मित्रों को छोड़ कोई भी नहीं आया है, लिहाजा उनके प्रति संवेदना जाहिर करने के लिये मैं श्मशान आ गया हूं।
गुजरात की गद्दी संभालने को कहा
इसके बाद वाजपेयी जी ने कहा कि जब आप वहां से फ्री हो जाएं, तो आकर मुझसे मिले। जब नरेन्द्र मोदी वाजपेयी जी से मिलने पहुंचे, तो उन्होने उन्हें गुजरात का राज सिंघासन संभालने को कहा, इस तरह 7 अक्टूबप 2001 को नरेन्द्र मोदी पहली बार गुजरात के सीएम बनें, उसके बाद से उनका सियासी कद लगातार बढता चला गया, वाजपेयी जी के बाद बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री बनने वाले वो दूसरे नेता हैं।