दूल्‍हा ईसाई दुल्‍हन मुस्लिम, लेकिन शादी में लिए 7 फेरे सिंदूर से भरी मांग, जानें क्‍या है मामला

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हेडर पढ़कर दंग रह गए हैं, बरेली में हुई ये शादी सबका ध्‍यान अपनी ओर खींच रही है । पूरा मामला जानकर आप चौंक जाएंगे ।

New Delhi, Apr 02: बरेली शहर में कुछ ऐसा हुआ जिसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है । यूं तो शादी होना आम बात है, लेकिन इस शादी के बारे में बात करते हुए लोग थक नहीं रहे हैं । शादी थी ही अनोखी, जिसमें दूल्हा ईसाई धर्म से, दुल्हन मुस्लिम धर्म से थी बावजूद इसके दोनों का मिलन हिंदू परंपरा से हुआ । 7 फेरे लिए गए,  मांग भरी गई, कन्यादान और गोद भराई की रस्में भी पूरी हुईं ।

सनातन संस्‍कृति से प्रभावित
मिली जानकारी के अनुसार ये अनूठी शादी बरेली स्थित अगस्‍त्य मुनि के आश्रम में हुई । शादी के सभी संस्‍कार मंदिर के महंत और हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं की ओर से पूरे किए गए ।nalanda bride death (2)दरअसल ईसाई युवक और नूर बी नाम की मुस्लिम युवती एक दूसरे से प्यार करते थे, दोनों ही सनातनी संस्कारों से भी काफी प्रभावित थे । दोनों इसकी ओर आकर्षित हुए, जिसके बाद सुमित और नूर ने सनातम धर्म अपनाने का फैसला किया और सनातन धर्म के रीति रिवाजों से ही विवाह भी किया ।

नूर बी बन गई निशा
दोनों ने पहले सनातन धर्म अपनाया और उसी के अनुसार शादी भी की । सभी रस्में पूरी होने के बाद नूर बी ने अपना नाम निशा बताया है, शादी के बाद वो खुशी खुशी अपने पति के साथ ससुराल चली गई । दोनों की प्रेम कहानी करीब 3 साल पुरानी है । पीलीभीत की रहने वाली नूर बी यानी निशा और पूरनपुर के सुमित की मुलाकात इंटर मीडिएट की पढ़ाई के दौरान हुई थी । दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे लेकिन दोनों का धर्म इनके एक होने में दीवार बन रहा था  सुमित ईसाई थे और नूर मुस्लिम ऐसे में परिजन ने भी विरोध किया ।

दोस्तों ने की मदद
इस दौरान सुमित ने ही नूर को बताया कि उसे सनातन धर्म के संस्कार पसंद हैं, जिसके बाद उसने नूर के सामने सनातन धर्म से शादी करने का प्रस्ताव रखा, जिसे नूर ने भी खुशी खुशी स्वीकार marriageकर लिया । इस संबंध में सुमित ने अपने दोस्तों की मदद मांगी । दोनों की शादी करवाने के लिए हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता भी तैयार हो गए । इसके बाद वे सुमित को लेकर अगस्तय मुनि के आश्रम पहुंचे, यहां पर दोनों की हिंदू रस्‍मो से शादी हुई । नूर ने कहा कि अब उसका नाम निशा है, वो नवरात्र में माता रानी की पूजा अर्चना करेगी ।