विराट कोहली पर एक्शन से बचना चाहता है BCCI, नहीं तो होगा बड़ा नुकसान

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कोहली ने खुलासा किया, कि उन्हें किसी ने भी टी-20 की कप्तानी छोड़ने से नहीं रोका था, अब इस बात क लेकर गांगुली पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर उन्होने झूठ क्यों बोला था।

New Delhi, Dec 17 : विराट कोहली ने खुद को एकदिवसीय टीम की कप्तानी से हटाये जाने के बाद बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस की, जिसमें उन्होने कई चौंकाने वाले खुलासे किये, विराट ने बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली के उस बयान को झूठा साबित कर दिया, जिसमें उन्होने कहा था कि मैंने विराट को टी-20 की कप्तानी छोड़ने से मना किया था, कोहली ने खुलासा किया, कि उन्हें किसी ने भी टी-20 की कप्तानी छोड़ने से नहीं रोका था, अब इस बात क लेकर गांगुली पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर उन्होने झूठ क्यों बोला था।

कोहली पर बड़ा एक्शन लेने से बचना चाहता है बीसीसीआई
विराट कोहली भारतीय टीम के साथ दक्षिण अफ्रीका पहुंच गये हैं, जहां उसे 3 टेस्ट मैच और इतने ही मैचों की वनडे सीरीज भी खेलनी है, बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने साफ कर दिया है, कि वो कोई सार्वजनिक बयान नहीं देंगे, विराट की तूफानी प्रेस कांफ्रेंस से स्तब्ध बीसीसीआई इस संकट से निपटने के लिये विकल्पों पर विचार कर रहा है, बीसीसीआई ये भी सुनिश्चित करेगा कि मैदान के बाहर के नाटकीय घटनाक्रम से महत्वपूर्ण टेस्ट सीरीज से पहले टीम का ध्यान भंग नहीं हो।

गांगुली-विराट के बीच मतभेद
भारतीय टीम के टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने टेस्ट सीरीज के लिये दक्षिण अफ्रीका रवाना होने से पहले प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा था कि virat kohli उन्हें कभी टी-20 कप्तानी छोड़ने के लिये नहीं कहा गया, उनका बयान बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली के बयान के विपरीत था, तो उन्होने मीडिया में दिया था, अतीत में बामुश्किल ही ऐसा मामला कभी देखने को मिले, जब भारतीय क्रिकेट के सुपरस्टार और मौजूदा कप्तान तथा अध्यक्ष पद पर काबिज पूर्व कप्तान के बयानों में विरोधाभास हो।

बीसीसीआई में कोई भी खुश नहीं
पता चला है कि बुधवार को जो हुआ उसमें बीसीसीआई में कोई भी खुश नहीं है, लेकिन वो समझते हैं कि मामले के तुरंत हल के लिये उनकी कोई भी कड़ी प्रतिक्रिया नुकसानदेह हो सकती है, विराट कोहली बीती शाम दक्षिण अफ्रीका पहुंच गये, जबकि कोलकाता में बोर्ड अध्यक्ष ने स्पष्ट किया, कि वो कोई सार्वजनिक बयान नहीं देंगे, गांगुली ने मीडिया से कहा, कोई बयान नहीं, कोई प्रेस कांफ्रेंस नहीं, हम इससे निपट लेंगे, इसी बीसीसीआई पर छोड़ दीजिए। कहा जा रहा है कि गांगुली और सचिव जय शाह समेत बीसीसीआई के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने बुधवार को जूम कॉल पर बात की, जहां सामूहिक रुप से फैसला किया गया कि कोई भी प्रेस कांफ्रेंस नहीं करेगा, ना ही प्रेस विज्ञप्ति जारी करेगा, बीसीसीआई के एक वरिष्ठ सूत्र ने नाम ना लिखने की शर्त पर पीटीआई को बताया कि विशेषज्ञ का नजरिया जाना गया कि इस संवेदनशील मामले से कैसे निपटा जाए, क्योंकि इससे अध्यक्ष का कार्यालय का सम्मान जुड़ा है, बीसीसीआई को पता है कि टेस्ट सीरीज होने वाली है और जल्दबाजी मं लिया गया उनका कोई फैसला या बयान टीम को मनोबल प्रभावित कर सकता है। कप्तान तथा अध्यक्ष के लिये सर्वश्रेष्ठ तरीका ये होगा कि दोनों बैठकर सौहार्दपूर्ण तरीके से मतभेद या संवादहीनता का हल निकाले, फिलहाल गांगुली या शाह के कप्तान से बात करने की संभावना कम है, सामान्य तौर पर केन्द्रीय अनुबंध खिलाड़ी से संस्था या पदाधिकारियों के खिलाफ आलोचनात्मक टिप्पणी की उम्मीद नहीं की जाती, लेकिन कोहली ने एक सवाल के जवाब में प्रतिक्रिया नियमों को उल्लंघन किया है या नहीं, ये भी एक सवाल है, इसलिये इस समस्या का कोई आसान हल नहीं होने वाला।