रावण की बढती लोकप्रियता से मायावती हैं परेशान, फिर से गढ बचाने की चुनौती

भीम आर्मी के इस शक्ति प्रदर्शन से बीजेपी के बजाय मायावती परेशान है, कहा जा रहा है कि मायावती के वोट बैंक में भीम आर्मी सेंध लगा सकती है।

New Delhi, Sep 02 : लोकसभा चुनाव में अभी सात-आठ महीने का समय है, लेकिन यूपी में अभी से माहौल बनने लगा है। बीते दिनों भीम आर्मी एकता मिशन के समर्थकों ने हजारों की संख्या में दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया, कहा जा रहा है कि सहारनपुर से बड़ी संख्या में भीम आर्मी के सदस्य प्रदर्शन करने के लिये दिल्ली आये थे। ये समर्थन भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर उर्फ रावण की रिहाई की मांग कर रहे थे।

केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी, मायावती परेशान
दिल्ली के जंतर-मंतर पर भीम आर्मी के समर्थकों ने पीएम मोदी और केन्द्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। समर्थकों ने कहा कि जान बूझकर सरकार भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेख उर्फ रावण को जेल में बंद कर रखा है। हालांकि भीम आर्मी के इस शक्ति प्रदर्शन से बीजेपी के बजाय मायावती परेशान है, कहा जा रहा है कि मायावती के वोट बैंक में भीम आर्मी सेंध लगा सकती है।

बसपा से निष्कासित नेता शामिल
2019 लोकसभा चुनाव को देखते हुए एक बार फिर से भीम आर्मी सक्रिय होती दिख रही है, हालांकि ये ये खुद को गैर राजनीतिक संगठन बताते हैं, लेकिन जिस तरह से अब इसकी सक्रियता बढ रही है, उसे देख कहा जाने लगा है कि भीम आर्मी 2019 चुनाव में अपना वजूद तलाश सकती है, आपको बता दें कि पिछले कि बसपा से निष्कासित नेता जय प्रकाश भी इस संगठन के साथ जुड़ गये हैं।

राहुल गांधी पर की थी टिप्पणी
आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर अभद्र टिप्पणी करने वाले जय प्रकाश को मायावती ने पार्टी से निलंबित कर दिया था, जिसके बाद दिल्ली के जंतर-मंतर जय प्रकाश भी अपने समर्थकों के साथ प्रदर्शन करने पहुंचे थे, वो भी भीम आर्मी से जुड़ चुके है। भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष कमल वालिया ने जय प्रकाश के भीम आर्मी में शामिल होने की पुष्टि की है।

मायावती के वोट बैंक में सेंधमारी
अगर 2019 लोकसभा चुनाव में भीम आर्मी चुनावी मैदान में उतरती है, तो निश्चित रुप से बीएसपी को परेशान कर सकती है, क्योंकि मायावती जिन्हें अपना वोट बैंक मानती है, उसी पर ये भी हक जता रहे हैं, यानी वोट का बंटवारा होगा। भीम आर्मी का ज्यादा प्रभाव सहारनपुर समेत पश्चिमी यूपी के कुछ जिलों में है, ये इलाके कभी मायावती का गढ कहा जाता था, हालांकि दो चुनावों में इस क्षेत्र ने बसपा सुप्रीम को निराश किया है, ऐसे में अब रावण की बढती लोकप्रियता उनकी चिंता और बढा रही है।