धोनी की राह पर ये क्रिकेटर, टीम इंडिया के लिये बनता जा रहा है ‘मुसीबत’

भारतीय जमीन पर खेले गये पिछले 5 एकदिवसीय मैचों में भुवनेश्वर ने एक से ज्यादा विकेट हासिल नहीं किया है, पिछले दो मैचों में तो टीम इंडिया के इस गेंदबाज का औसत भी 7 रन प्रति ओवर से ज्यादा रहा है।

New Delhi, Oct 29 : इन दिनों टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया सीरीज में ड्रॉप किये जाने की वजह से सुर्खियों में हैं, चयनकर्ताओं के फैसले से उनके फैंस काफी नाराज हैं, लेकिन उनके अलावा एक और खिलाड़ी ऐसा है, जिसकी नाकामी टीम प्रबंधन को परेशान कर रही है, जी हां, हम बात कर रहे हैं मेरठ एक्सप्रेस भुवनेश्वर कुमार की, जिनकी गेंदबाजी की धार पिछले कुछ समय से खत्म सी हो गई है।

स्विंग से करते थे बल्लेबाज को परेशान
कभी अपनी लहराती स्विंग गेंदों से बल्लेबाजों को परेशान करने वाली भुवी इन दिनों खुद टेंशन में दिख रहे हैं, इंग्लैंड में होने वाले आईसीसी विश्वकप में करीब 6 महीने का समय है, लेकिन तेज गेंदबाज लय में नजर नहीं आ रहे हैं, भुवी ने इस साल 12 एकदिवसीय मैच खेले हैं, जिसमें उन्होने सिर्फ 9 विकेट हासिल किया हैं, उनके गेंदबाजी का औसत भी 55.12 का है, ये आंकड़े उनके करियर के सबसे खराब आंकड़े हैं।

7 मैच में एक भी विकेट नहीं
टीम इंडिया के मुख्य तेज गेंदबाज कहे जाने वाले भुवनेश्वर कुमार ने साल 2018 में 12 मैच खेले, जिसमें उन्होने 9 विकेट हासिल किये, इन 12 मैचों में से 7 मैचों में तो उन्हें एक भी विकेट नहीं मिल सका है, यानी की भुवी हर पारी में सिर्फ 0.75 विकेट ही हासिल कर सकते हैं। भुवी को विकेटटेकर गेंदबाज माना जाता है, ऐसे में ये आंकड़े उनके फैंस को डराने वाले हैं।

भारत में प्रदर्शन खराब
भुवनेश्वर कुमार के आंकड़ों को देखें, तो भारत में तो उनका प्रदर्शन बेहद खराब रहा है, अपने करियर में भारतीय जमीन पर भुवनेश्वर कुमार ने 37 मैचों में सिर्फ 25 विकेट हासिल किये हैं, ये आंकड़े किसी भी स्ट्राइकर गेंदबाज के लिये बेहद खराब माना जाएगा, हालांकि भुवी की काबिलियत और क्षमता पर किसी को शक नहीं है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से उनकी गेंदबाजी में पहले जैसी धार भी नजर नहीं आ रही ।

महंगे साबित हो रहे
भारतीय जमीन पर खेले गये पिछले 5 एकदिवसीय मैचों में भुवनेश्वर ने एक से ज्यादा विकेट हासिल नहीं किया है, पिछले दो मैचों में तो उनका औसत भी 7 रन प्रति ओवर से ज्यादा रहा है। भुवी को डेथ ओवर्स का स्पेशलिस्ट गेंदबाज माना जाता था, लेकिन वेस्टइंडीज के खिलाफ पुणे में वो काफी महंगे साबित हुए, जिसके बाद उनके चयन पर भी सवाल उठने शुरु हो गये हैं।