शाह-नीतीश मुलाकात से पहले ही सुलझा सीटों का फॉर्मूला, बिहार में इतनी सीटों पर लड़ेगी बीजेपी

चार दिन बाद 12 जुलाई को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और नीतीश कुमार की मुलाकात होनी है, इस मीटिंग में मुहर लग जाएगी, कि 2019 लोकसभा चुनाव में बिहार का फॉर्मूला क्या होगा।

New Delhi, Jul 06 : बिहार में सियासी पारा इन दिनों चढा हुआ है, बीजेपी और जदयू एक-दूसरे से बारगेंनिग करने में लगे हैं, कहा जा रहा है कि बीजेपी नीतीश कुमार को 2009 लोकसभा चुनाव जैसी सीटें देने को तैयार नहीं है, तो सुशासन बाबू की पार्टी भी मोल-भाव करने में जुटी है, राजनीतिक विश्लेषक तो यहां तक कह रहे हैं कि कहीं नीतीश कुमार फिर से एक बार पलटी ना मार जाएं और वापस महागठबंधन में चले जाएं, हालांकि नीतीश अमित शाह मुलाकात से चार दिन पहले ही मामले को सुलझा लिया गया है। अब कहा जा रहा है कि सीटों को लेकर दोनों पार्टियों में कोई मतभेद नहीं है।

ऐसे हो सकता है सीटों का बंटवारा
फिलहाल सूत्रों का दावा है कि एनडीए में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तैयार हो गया है, बिहार में कुल 40 लोकसभा की सीटें हैं, जिसमें 18 पर बीजेपी, 15 पर जदयू और 5 पर लोजपा चुनाव लड़ेगी। उपेन्द्र कुशवाहा के बारे में कहा जा रहा है कि वो महागठबंधन में जा सकते हैं, हालांकि कुछ दिन पहले ही उन्होने तेजस्वी यादव के ऑफर को ठुकरा कर कहा था कि वो एनडीए में खुश हैं, ऐसे में उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी को दो सीटें दी जा सकती है।

जदयू कामयाब रही
अगर जदयू को बीजेपी 15 सीटें दे देती है, तो कहा जा सकता है कि नीतीश कुमार बीजेपी से अपनी बात मनवाने में सफल रहे, आपको बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव में जदयू अकेले चुनावी मैदान में उतरी थी, जिसकी वजह से उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था, पार्टी के खाते में सिर्फ दो सीटें आई थी, हालांकि जदयू की दलील है कि 2014 लोकसभा और 2019 लोकसभा चुनाव में जमीन आसमान का फर्क है।

दो सांसदों की बलि
अगर ये फॉर्मूला जमीन पर उतारा जाता है तो बीजेपी को दो सांसदों की बलि देनी पड़ेगी, क्योंकि वर्तमान में बीजेपी के 20 सांसद हैं, हालांकि कहा जा रहा है कि पटना साहिब से मौजूदा सांसद शत्रुध्न सिन्हा, दरभंगा सांसद कीर्ति आजाद का टिकट काटा जा सकता है, इसके अलावा बेगूसराय सांसद भोला सिंह के भी टिकट कटने के पूरे आसार है, क्योंकि कई बार वो मोदी-शाह के खिलाफ बयान दे चुके हैं।

भूपेन्द्र यादव से मुलाकात
लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे के फॉर्मूले को लेकर तरह-तरह की बातें की जा रही है। नीतीश कुमार के करीबी आरसीपी सिंह और ललन सिंह ने बीजेपी प्रभारी भूपेंद्र यादव से दिल्ली में मुलाकात की है, बताया जा रहा है कि इस मुलाकात में आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति और सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत हुई, भूपेंद्र यादव ने जदयू नेता को आश्वासन दिया है कि उन्हें मान-सम्मान दिया जाएगा।

बड़े भाई की भूमिका चाहता था जदयू
आपको बता दें कि अटल-आडवाणी युग में जदयू बीजेपी के बड़े भाई की भूमिका निभाता था, एक बार तो बीजेपी की सीटें ज्यादा होने के बावजूद अटल जी ने नीतीश कुमार को सीएम बना दिया था, लेकिन अब दौर बदल चुका है, दूसरी ओर दो बार पाला बदल नीतीश कुमार ने अपनी विश्वसनीयता भी कम की है, जनता में ये मैसेज गया है कि ये कुर्सी के लिये किसी को धोखा दे सकता है, या किसी से हाथ मिला सकता है।

नीतीश अमित शाह मुलाकात
चार दिन बाद 12 जुलाई को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और नीतीश कुमार की मुलाकात होनी है, इस मीटिंग में साफ हो जाएगा, कि 2019 लोकसभा चुनाव में बिहार का फॉर्मूला क्या होगा। भले पिछले लोकसभा में नीतीश कुमार के सिर्फ दो सांसद जीत पाये हों, लेकिन प्रदेश में उनकी पार्टी की धमक है, ये बात बीजेपी को भी अच्छे से पता है, इसी वजह से दोनों ओर से मोल भाव जारी है।