2014 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नीतीश कुमार ने एनडीए से नाता तोड़ लिया था, वो अकेले ही चुनावी मैदान में उतरे थे।
New Delhi, Oct 23 : बिहार में एनडीए घटक दलों के बीच लोकसभा चुनाव के लिये सीटों के बंटवारे को लेकर रस्साकशी जारी है, अब दावा किया जा रहा है कि एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर सहमति बन गई है, हालांकि बीजेपी सूत्रों का कहना है कि सीटों के बंटवारे का ऐलान समय पर किया जाएगा। बीजेपी की ओर से कहा जा रहा है कि सीट बंटवारे को लेकर सहयोगी दलों में आम राय बन गई है, समय आने पर इसका ऐलान किया जाएगा।
क्या है सीट फॉर्मूला ?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी 17, जदयू 16, रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा 05 और कुशवाहा की पार्टी रालोसपा 02 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। इस पर सभी दलों ने अपनी सहमति दे दी है, जल्द ही सीट भी चिन्हित कर दिया जाएगा, कि कौन सा सीट किस दल के खाते में जाएगा, कहा जा रहा है कि जल्द ही इस पर भी माथापच्ची कर इसे सुलझा लिया जाएगा।
जदयू के आने से सबकी सीटें घटी
आपको बता दें कि 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी 29 सीटों पर चुनाव लड़ा था, उनके अलावा लोजपा 07 और रालोसपा 04 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, तब जदयू अकेले चुनावी मैदान में थी, लेकिन इस बार जदयू भी एनडीए में शामिल हो गई है, इस वजह से तीनों के खाते से सीटें काटकर जदयू को दी जा रही है। नीतीश कुमार ने कुछ समय पहले ही पार्टी मीटिंग में कह दिया था कि बीजेपी से सीटों का मामला सुलझा लिया गया है।
पिछली बार जदयू को मिली थी सिर्फ दो सीटें
मालूम हो कि 2014 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नीतीश कुमार ने एनडीए से नाता तोड़ लिया था, वो अकेले ही चुनावी मैदान में उतरे थे। 40 लोकसभा सीटों वाली बिहार में नीतीश की पार्टी सिर्फ 2 सीटें मिली थी। बीजेपी अकेले 22 सीटें जीतने में सफल रही थी, तो लोजपा ने 7 में से 6 सीटें जीती थी, तो रालोसपा ने भी चार में से तीन सीटों पर जीत हासिल किया था। हालांकि 2019 में परिस्थितियां 2014 से अलग होगी, इसी वजह से अमित शाह नीतीश कुमार को पूरा मान-सम्मान दे रहे हैं।
रालोसपा बिदक सकती है
एनडीए में सीटों का फॉर्मूला सुलझा लिया गया है, लेकिन अंदरखाने कहा जा रहा है कि रालोसपा इस फॉर्मूले का विरोध कर सकती है, क्योंकि पिछले कुछ दिनों से रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा खुलकर नीतीश के खिलाफ बयानवाजी कर रहे हैं, वो बीजेपी से जदयू के बराबर सीटें मांग रहे थे, हालांकि पिछले कुछ दिनों से उन्होने इस मसले पर चुप्पी साध रखी है, जिसके बाद कहा जा रहा है कि कुशवाहा फिलहाल एनडीए नहीं छोड़ने वाले हैं, अगर उन्हें बगावत करनी भी होगी, तो 2020 विधानसभा चुनाव में करेंगे।