बिप्लब देव ने पूरा किया चुनावी वादा, तो प्रदेश छोड़कर भागने लगे ‘किसान’

सीएम बिप्लब देब के नेतृत्व वाली सरकार भांग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है, प्रदेश सरकार लगातार ही भांग और गांजे को लेकर कठोर कदम उठा रही है।

New Delhi, Aug 26 : त्रिपुरा में कई किसान और युवा खेती-बाड़ी छोड़कर काम की तलाश में दूसरे प्रदेशों का रुख कर रहे हैं, दरअसल सीएम बिप्लब देब के नेतृत्व वाली सरकार भांग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है, प्रदेश सरकार लगातार ही भांग और गांजे को लेकर कठोर कदम उठा रही है, जिसकी वजह से इसकी खेती करने वाले किसानों पर इसका नकारात्मक असर पड़ रहा है, इसी वजह से भांग की खेती करने वाले किसान रोजगार की तलाश में त्रिपुरा छोड़कर जाने दूसरे प्रदेश जाने के लिये मजबूर हो गये हैं।

भांग कॉरिडोर
आपको बता दें कि त्रिपुरा के नॉर्थईस्ट का भांग कॉरिडोर भी कहा जाता है, त्रिपुरा से ही बिहार, यूपी, दिल्ली और बांग्लादेश तक भांग की सप्लाई की जाती है, विधानसभा चुनाव से पहले ही बीजेपी ने अपने विजन डॉक्यूमेंट्स में ये वादा किया था, कि अगर उनकी सरकार बनी, तो ड्रग व्यापारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाये जाएंगे।

कड़ी कार्रवाई
इसी साल 9 मार्च को त्रिपुरा में बीजेपी गठबंधन की सरकार बनी है, जब से बिप्लब देब ने कुर्सी संभाली है, तब से उन्होने गांजा और भांग तस्करों और किसानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों कहा था कि त्रिपुरा में पिछले 25 सालों से हर साल एक लाख किलो भांग का उत्पादन होता है, जिसे पड़ोसी राज्यों में भेजा जाता है।

भांग की खेती को बढावा
सीएम बिप्लब देब ने पूर्व की लेफ्ट सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि यहां पहले की सरकार में भांग- गांजा की खेती को बढावा दिया जाता था, जिसकी वजह से यहां के युवा अवैध ड्रग व्यापार की ओर बढते चले गये, मालूम हो कि नई सरकार बनने के बाद से अब कर पुलिस ने करीब 20 हजार किलो गांजा को सीज किया जा चुका है।

कुछ परिवारों पर नकारात्मक असर
प्रदेश सरकार द्वारा लगातार उठाये जा रहे कड़े कदम की वजह से गांजे पर निर्भर रहने वाले बहुत से परिवारों पर नकारात्मक असर पड़ा है, एक रिपोर्ट के अनुसार कमलनगर और कमलचौरा के लगभग 80 युवा काम की तलाश में चेन्नई और बंगलुरु जा चुके हैं, एक स्थानीय निवासी ने बताया कि पूर्ववती लेफ्ट सरकार ने कभी भी भांग उत्पादन के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया था, इसी वजह से गांवों में समझा जाता था कि इसका उत्पादन वैध है, लेकिन अब सरकार इसके खिलाफ कार्रवाई कर रही है। त्रिपुरा में कई स्थानों पर लोगों ने भांग के उत्पादन को कानून मान्यता देने की मांग की जाने लगी है।