लोकसभा चुनाव में बीजेपी को ‘मोबाइल सैनिक’ दिलाएंगे फतह, यूपी विधानसभा चुनाव में हिट हुआ था फॉर्मूला

बीजेपी ने इसी रणनीति के तहत सोशल मीडिया में प्रभाव रखने वाले युवा नेताओं और समर्थकों की सूची तैयार कर ली है। इसके लिये सबसे जरुरी शर्त है कि उनके कम से कम 1 लाख फॉलोवर्स हों।

New Delhi, Oct 03 : बीजेपी 2019 लोकसभा चुनाव जीतने के लिये मोबाइल सैनिकों को मैदान में उतारेगी, दरअसल बीजेपी का मानना है कि लोकसभा चुनाव जमीन के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी लड़ा जाएगा। इसलिये मोबाइल सैनिकों की भी उतनी ही जरुरत पड़ेगी, जितनी बूथ स्तर कार्यकर्ताओं की। पार्टी रणनीति के तहत इस मोबाइल सैनिकों को इंटरनेट युक्त स्मार्ट फोन और सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले जरुरी कंटेंट भी उपलब्ध कराएगी।

हर कार्यक्रम के लिये अलग कैडर
इस पूरे कार्यक्रम की अगुवाई पीएम ऑफिस में विशेष कार्याधिकारी (आईटी) हीरेन जोशी कर रहे हैं। वो हर सांसद और बीजेपी विधायक को अपने निर्वाचन क्षेत्र में मोबाइल सैनिक नियुक्त करने की जिम्मेदारी दे रहे हैं। बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने मामले में जानकारी दी कि इस कार्यक्रम के लिये एक अलग कैडर ही तैयार किया जा रहा है, जिनका पूरा फोकस इसी काम कर होगा। बाकी दूसरों कामों की जिम्मेदारी दूसरे लोगों को दी जाएगी।

व्हाट्सएप्प ग्रुप
रणनीति के तहत केन्द्रीय स्तर पर तैयार किया गया कंटेंट प्रदेश इकाईयों को भेजा जाएगा, फिर वहां से जिला, ब्ल़क और बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं तक ये पहुंचेगा, हर बूथस्तर पर 256-256 सदस्यों वाले कम से कम दो व्हाट्सएप्प ग्रुप बनेंगे, जो पार्टी के संदेशों को आम लोगों तक पहुंचाएंगे। बीजेपी उम्मीद कर रही है कि बूथ स्तर तक मोबाइल संगठन अगले दो महीने में तैयार हो जाएगा।

नेताओं की सूची तैयार
बीजेपी ने इसी रणनीति के तहत सोशल मीडिया में प्रभाव रखने वाले युवा नेताओं और समर्थकों की सूची तैयार कर ली है। इसके लिये सबसे जरुरी शर्त है कि उनके कम से कम 1 लाख फॉलोवर्स हों, ताकि अगर वो कुछ कंटेंट डालें, तो उसकी पहुंच एक लाख से ज्यादा लोगों तक हो। कहा जा रहा है कि बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह खुद हर प्रदेश ईकाई के साइबर वॉरियर्स की तैयारियों का जायजा ले रहे हैं।

मीडिया की खबरों का सच बताएंगे
बीजेपी कार्यकर्ताओं का कहना है कि अभी तक लोग मीडिया द्वारा दिखाये जाने वाले खबरों को ही सच मानते हैं, अब वो ऐसी व्यवस्था तैयार करना चाहते हैं, ताकि जिस खबर को मीडिया में जगह ना मिल पाती हो, उसे भी लोगों तक पहुंचाया जा सके। यूपी विधानसभा चुनाव में पिछले साल मिली ऐतिहासिक सफलता का श्रेय अमित शाह अपनी इसी रणनीति को देते हैं।