एकजुट विपक्ष की चुनौती पर बीजेपी के तरकश में भी है तीर, मोदी ऐन मौके पर कर सकते हैं इस्तेमाल

बीजेपी इस कोशिश कोशिश में है, कि भले यूपी और राजस्थान में उपचुनावों में हार मिली हो, लेकिन एक बार फिर से 2014 के वोटरों को अपने फेवर में लाया जाए, ताकि 2019 की नैय़ा पार हो।

New Delhi, Aug 06 : 2019 लोकसभा चुनाव से पहले सभी पार्टियां तैयारियों में जुट गई है, बीजेपी को मात देने के लिये विपक्ष एकजुट होकर मुकाबला करने की तैयारी कर रही है। ऐसे में बीजेपी भी कमर कस कर तैयार है। कहा जा रहा है कि बीजेपी की उम्मीदें दलित- ओबीसी के साथ हिंदुत्व के एजेंडे पर टिकी हुई है। इसी वजह से बीजेपी ने ऐन मौके पर पिछड़े समुदाय से जुड़े बिलों को आगे बढाया है, तो दूसरी ओर अवैध घुसपैठियों को लेकर मोर्चा खोल दिया है।

नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स
BJP के कई नेता और पदाधिकारी इस बात को मान रहे हैं कि असम के एनआरसी की मुद्दा खासकर पूर्वी राज्यों और हिंदी पट्टी में बीजेपी के लिये वोट जुटाने वाला साबित हो सकता है, BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष संसद से लेकर सड़क तक इस मुद्दे पर सीना ठोंक कर बोल रहे हैं, अमित शाह अपने कैपेंन में बीजेपी को राष्ट्रीय सुरक्षा का ख्याल रखने वाली जबकि विपक्ष को वोट बैंक की राजनीति करने वाला साबित करने में जुटे हुए हैं।

दलितों-पिछड़ों को साधने की कोशिश
BJP इस कोशिश कोशिश में है, कि भले यूपी और राजस्थान में उपचुनावों में हार मिली हो, लेकिन एक बार फिर से 2014 के वोटरों को अपने फेवर में लाया जाए, ताकि 2019 की नैय़ा पार हो। पार्टी पदाधिकारियों का कहृना है कि सुप्रीम कोर्ट के एससी-एसटी एक्ट पर दिये गये फैसले को पलटने के लिये लोकसभा में बिल लाने से इस समुदाय का दिल जीतने में मदद मिलेगी।

यूपी में असली परीक्षा
यूपी में महागठबंधन होने से BJP के लिये दलित और पिछड़ों का यहां वोट हासिल करना काफी अहम होगा, क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव में 80 में 71 सीटें बीजेपी को मिली थी, जबकि दो सीटें उनके सहयोगी अपना दल को मिली थी। लेकिन महागठबंधन की वजह से BJP के लिये उस परिणाम को दोहराना आसान नहीं होगा। BJP को उम्मीद है कि 10 अगस्त को खत्म हो रहे मॉनसून सेशन से एससी-एसटी एक्ट पर बिल संसद से पास हो जाएगा।

ओबीसी को भी खास तरजीह
ओबीसी समुदाय का दिल जीतने के लिये BJP एक दूसरे बिल का सहारा ले रही है। आपको बता दें कि लोकसभा में पिछले सप्ताह पिछड़ा आयोग को एससी-एसटी आयोग की तरह संवैधानिक दर्जा देने के लिये एक बिल पास किया गया है। ParliamentBJP इस बिल को खुद के पिछड़े समुदाय के हितैषी होने के सबूत के तौर पर इस्तेमाल कर रही है। पार्टी नेताओं का कहना है कि ये सारे मुद्दे पार्टी के 18-19 अगस्त को होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी शामिल किया जाएगा।