अमेरिका में एक पिता ने अपने नवजात शिशु को स्तनपान कराया है । प्राकृतिक रूप से ये संभव नहीं था लेकिन शिशु को मां की कमी ना हो इसके लिए ये तरीका अपनाया गया ।
New Delhi, Jul 07 : सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो को देखकर सभी हैरान है । एक पिता का अपने नवजात शिशु के लिए ऐसा प्रेम देखकर सभी इसे बस देखते ही जा रहे हैं । सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, इस वीडियो में एक व्यक्ति अपने नवजात शिशु को ब्रेस्टफीड करवाता हुआ नजर आ रहा है । कुदरती तौर पर तो ये संभव ही नहीं था लेकिन परिस्थितिवश ऐसा करना पड़ा और ये पिता सोशल मीडिया पर हीरो बन गया ।
मां की बीमारी के कारण कराई ब्रेस्टफीडिंग
विस्कोन्सिन में कपल मैक्समिलन और अप्रैल न्यूब्यूर के यहां जून में बेटी का जन्म हुआ था। मां अप्रैल को अपने नवजात को दूध पिलाने में दिक्कत आ रही थी। इसके बाद उसके हसबैंड मैक्समिलन ने सप्लीमेंटल नर्सिंग मेथड के जरिए बेटी को दूध पिलाया । कपल ने बेटी का नाम रोसालिया रखा है।
बहुत सारे थे कॉम्प्लीकेशन्स
डॉक्टर्स ने बताया कि अप्रैल को इमरजेंसी सी-सेक्शन में बेटी को जन्म दिया था। शुरुआत में लग रहा था कि वह हॉर्मोनल डिसऑर्डर की वजह से बच्चे को जन्म नहीं दे पाएगी। इसे पॉलीसिस्टिक ओवरियन सिन्ड्रोम कहते हैं। बच्ची के जन्म के दौरान अप्रैल के कई सीजर किए गए थे।
ऐसा था पिता का अनुभव
मैक्स ने बेटी को ब्रेस्ट फीडिंग कराने का खुलासा भी किया। उन्होंने बताया कि ‘वाइफ कॉम्प्लिकेशन की वजह से बच्ची को तुरंत ब्रेस्टफीड नहीं करा सकती थी। फिर नर्स ने बताया कि नवजात को फिजिकल टच की बेहद जरूरत है और हसबैंड को ब्रेस्टफीडिंग कराने को कहा।
सप्लीमेंट नर्सिंग मेथड से हुई ब्रेस्टफीडिंग
ब्रेस्ट फीडिंग डोर काउंटी मेडिकल सेंटर की नर्स ने मैक्स को ‘सप्लीमेंटल नर्सिंग मेथड’ के जरिए ब्रेस्टफीडिंग करवाने का तरीका बताया। मैक्स ने खुद इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट की, जिसके बाद ये वायरल हो गईं। ये पिता सोशल मीडिया पर छाया हुआ है । नवजात शिशु के साथ मैक्स ने अपना पोस्ट सोशल मीडिया पर सबके साथ शेयर किया है ।
क्या होता है पॉलिसिस्टक ओवेरियन सिंड्रोम
पॉलीसिस्टिक ओवरियन सिन्ड्रोम जिसे पीसीओएस कहा जाता है, ये आजकल महिलाओं को सबसे ज्यादा प्रभावित कर रही है । हॉर्मोन असंतुलन के कारण होने वाली इस बीमारी से महिलाओं में कई तरह की समस्याएं जन्म ले रही हैं जिनमें से एक परेशानी बांझपन की भी है । ये अनियमित मासिक चक्र से परेशान लड़कियों में सबसे ज्यादा देखा जा रहा है । इसलिए इस समस्या को गंभीरता से लें और इलाज भी करवाएं ।