अनोखी शादी: बारात लेकर एक ही घर में पहुंचेगी तीन दुल्हनें, एक हफ्ते बाद शुभ विवाह

एक अनोखी शादी जिसकी आप भी तारीफ करेंगे। एक तरफ दुनिया में एक शादी के लिए जबरदस्त खर्चा किया जाता है। यहां एक ही घर में तीन दुल्हनें गई हैं।   

New Delhi, Feb 27: ये एक नज़ीर है, एक मिसाल है, जिसकी दाद हर कोई दे रहा है। एक तरफ देशभर में विवाहों का तौर-तरीका बदल रहा है। लोग शादियों के लिए महंगा महंगा खर्चा कर रहे हैं। पैसा पानी की तरह बहाया जाता है। लेकिन कुछ जगहें ऐसी हैं, जहां ये रुढिवादिता टूट रही है। परंपराएं ऐसी हैं कि आप खुश हुए बिना नहीं रह पाएंगे। इस अनोखी शादी ने दुनियाभर को एक सबक दिया है।

शुद्ध और सात्विक परंपराएं
ये वो जगह हैं, जहां शुद्ध और सात्विक परंपराओं का निर्वहन किया जा रहा है। खुशी इस बात की है कि दुनिया भर की तमाम चकाचौंध से दूर होकर यहां सामान्य जीवन को महत्व दिया जा रहा है। चाहे कोई भी बड़ा अफसर हो लेकिन यहां परंपराओं का पालन करना ही होगा। अब एक अनोखी बात देखिए कि यहां एक ही घर में तीन दुल्हनें बारात लेकर जा रही हैं।

ये है वो इलाका
हम बात कर रहे हैं जनजातीय क्षेत्र जौनसार-बावर की, जहां से पूरी दुनिया को एक मिसाल दी गई है। यहां विवाह समारोह में दिखावे के नाम पर होने वाले फालतू के खर्च को बुराई माना जाता है। दहेज से मुक्त शादी और फिजूलखर्ची रोकना यहां की संस्कृति का प्रमुख हिस्सा है। अब आपको यहां होने वाले एक अनोखे विवाह के बारे में जानकारी देते हैं।

जल्द यहां होगी बेहतरीन शादी
आप जल्द ही यहां एक अनोखी शादी होते देखेंगे। अटाल गांव के प्रधान अपने तीन भाइयों की शादी एक ही दिन कराने का फैसला लिया है। ये विवाह समारोह 6 मार्च को आयोजित किया जाएगा। इसके साथ ही खास बात ये है कि तीनों दुल्हनें यहां बारात लेकर आएंगी। जहां आज के दौर में दूल्हा बारात लेकर दुल्हन के घर जाता है, लेकिन यहां दुल्हनें बारात लेकर आएंगी।

दुल्हन ही लाएंगी बारात
6 मार्च के दिन तीनों दुल्हनें एक साथ बारात लेकर प्रधान के घर पहुंचेंगी। बताया जा रहा है कि इस विवाह में करीब दो हजार लोग शामिल होंगे। यहां पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुन एक बार में ही सम्मोहित कर लेती है। नाचते और गाते हुए बाराती दूल्हे के घर पहुंचते हैं। पारंपरिक रीति रिवाजों के साथ, यहां शादी की हर एक रस्म को निभाया जाता है।

ये है परंपराओं का संसार
इसके बाद अगले दिन बारात वापस लौट आती है। हालांकि वधू अपने पति के घर में चार से पांच दिन तक रुकती है। कुछ उसी तरह की परंपरा हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में भी है। हिमाचल में इसे गाडर विवाह के नाम से जाना जाता है। अनूठी लोक संस्कृति के लिए जौनसार बावर देश और दुनिया में विख्यात है। इसके अलावा भी कुछ खास बातें हैं।

हर चीज बेहद अलग है
जौनसार का पहनावा, लोक गीत, नृत्य जब वातावरण में गूजते हैं तो हर कोई इस अनूठी परंपरा का कायल हो जाता है। यहां शादी के दौरान परंपराओं का पूरा ख्याल रखा जाता है। सांस्कृतिक आयोजन को स्थानीय लोग घर के बजाय गांव के पंचायती आंगन में करना पसंद करते हैं।जब वधू वर पक्ष के घर पहुंचती है और हंसी ठिठोली के बीच सभी रस्मो रिवाज निभा लिए जाते हैं। दहेज के नाम पर सिर्फ पांच बर्तन दिए जाते हैं।