बुराड़ी कांड : घर से मिला एक और रजिस्टर, पिता की आत्मा ने दो लोगों को बताया था कलयुगी

भाटिया परिवार के घर से मिले एक और रजिस्‍टर से पता चला है कि मृत पिता भोपाल सिंह चुंडावत की कथित आत्मा बड़े बेटे दिनेश और दूसरी बेटी सुजाता को कलयुगी बताती थी ।

New Delhi, Jul 10 : दिल्‍ली के बुराड़ी इलाके में 11 लोगों की मौत का मामला हर रोज नए मोड़ ले रहा है । इस घर से मिलने वाली चीजें,रजिस्टर हर दिन एक नई कहानी गढ़ रहे हैं । अब घर से मिले एक और रजिस्‍टर से पता चला है कि घर में मरने वालों में तीसरे भाई दिनेश का परिवार क्‍यों शामिल नहीं था । दिनेश, सुजाता और उनके बच्‍चे इस पूरे खेल से कैसे बच गए । रजिस्‍टर में इस बात का खुलासा किया गया है कि ये कैसे इससे बच गए ।

पिता की आत्‍मा का आदेश
भाटिया परिवार के घर से मिले एक और रजिस्‍टर से पता चला है कि मृत पिता भोपाल सिंह चुंडावत की कथित आत्मा बड़े बेटे दिनेश और दूसरी बेटी सुजाता को कलयुगी बताती थी । रजिस्‍टर के मुताबिक पिता की आत्‍मा ललित के शरीर में आकर कहती थी कि दिनेश व सुजाता मांस का सेवन करते हैं । इसलिए उन्हें किसी भी अनुष्ठान की जानकारी नहीं देनी है । न ही उन्हें मेरी आत्‍मा के बारे में कुछ बताना है।

दिनेश – सुजाता थे अनजान
रजिस्टर में लिखा गया है कि पिता की कथित आत्मा ऐसा न करने पर सजा की बात करती थी । अब जो बातें सामने आ रही हैं उसके बाद यही माना जा रहा है कि शायद इसी वजह से दिनेश और सुजाता को पिता के आत्मा के ललित के ऊपर आने की बात के बारे में परिवार ने कभी कुछ नहीं बताया था । परिवार में 11 मौतों पर पुलिस की इस थ्‍योरी को सुजाता और दिनेश लगातार झूठा बता रहे हैं ।

हत्‍या की आशंका
दिनेश और सुजाता ने कभी नहीं माना कि ललित के ऊपर उसके पिता की आत्मा आती थी और पूरा परिवार मोक्ष प्राप्ति के लिए या किसी और मंशा से कोई कोई अनुष्ठान या पूजा कर रहा था । पुलिस की जांच पर सुजाता का शुरुआत से ही यही कहना रहा है कि पुलिस अपनी ओर से झूठी कहानी बनाकर हत्या की जांच से बच रही है। उसका कहना था कि उसके परिवार के 11 सदस्यों की किसी ने हत्या की है।

पहले भी मिल चुका है रजिस्‍टर
कुछ दिन पहले पुलिस को एक और रजिस्‍टर मिला था । इस रजिस्‍टर में उन पर आई आत्‍मा द्वारा कुछ कामों को ना करने पर दी जाने वाली सजा का ब्‍यौरा दिया गया । रजिस्‍टर में कुछ काम ना करने पर सजा के रूप में छत पर सोना, मोबाइल ना देखना, बिना कूलर पंखे के सोना जैसी सजा दी जाती थी । कहा जाता था कि ऐसा उनके पिता जी का निर्देष है और ये बात सबको माननी होगी । ललित खुद सजा के रूप में 15-15 दिन तक छत पर सोता था ।

पुलिस की थ्‍योरी
पुलिस को पोस्‍टमॉर्टम रिपोर्ट से ये साफ हो गया है कि सभी मौत फंसे से लटककर ही हुई है । पुलिस को घर के सदस्‍य ललित के बारे में ऐसी बातें पता चली हैं जो हैरान करने वाली है । पुलिस की थ्‍योरी के मुताबिकदिमागी रूप से कमजोर ललित ने ही अपनी पत्‍नी के साथ मिलकर पूरे परिवार को सुसाइड करने के लिए मजबूर किया । धार्मिक अनुष्‍ठान के नाम पर ललित ने पूरे परिवार को बहलाया फुसलाया और फिर सबको फांसी के फंदे से लटका दिया ।