कभी बॉस के टॉर्चर से परेशान होकर छोड़ी थी नौकरी, आज 50 देशों में फैला है इनका कारोबार

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कानपुर के नये बिजनेस टायकून ने बताया कि नौकरी छोड़ने के बाद मुझे काफी दिनों तक संघर्ष करना पड़ा, मैं खुद का बिजनेस स्टार्ट करने के लिये लंबे समय तक कोशिश करता रहा।

New Delhi, Jan 21 : इंसान अगर किसी भी मंजिल को हासिल करने की ठान लें, तो फिर उसके लिये कोई भी राह मुश्किल नहीं होती, कुछ ऐसा ही किस्सा है कानपुर के स्वरुप नगर के रहने वाली अजय कुमार की, जिन्होने 12 हजार की नौकरी छोड़ कुछ ऐसा किया, जिसकी सब मिसालें दे रहे हैं। अजय कुमार आज कानपुर के फेमस बिजनेस टायकून के तौर पर पहचाने जाते हैं, लेकिन एक समय था, जब वो 12 हजार रुपये की नौकरी करते थे।

पिता चाहते थे आईएएस बनें बेटा
अजय कुमार ने एक लीडिंग वेबसाइट से बात करते हुए बताया कि उनके पिता गिरजा शंकर शिक्षक थे, Kanpur1वो चाहते थे कि बेटा पढ-लिख कर आईएएस अधिकारी बनें, अजय कुमार ने मेरठ के सेंट मेरी एकेडमी से स्कूलिंग के बाद बीटेक किया, जिसके बाद कैम्पस प्लेसमेंट में स्विट्जरलैंड की एक कंपनी में नौकरी लग गई। वो कंपनी के डिटर्जेंट कैमिकल प्रोडक्ट के लिये कानपुर में मार्केटिंग करते थे, इसके लिये उन्हें 12 हजार रुपये तनख्वाह मिलती थी।

हमेशा कमियां ढूढते थे बॉस
अजय कुमार ने अपने स्ट्रगल के दिनों को याद करते हुए बताया कि जब वो कानपुर में कंपनी के मार्केटिंग के लिये दिन-रात मेहनत कर रहे थे, Interviewउनकी वजह से कंपनी को वहां अच्छी ग्रोथ भी मिली थी, लेकिन उनके बॉस को उनसे परेशानी थी, वो हमेशा उनकी कमियां ढूढते रहते थे, वो एक्सट्रा काम करवा कर उन्हें टॉर्चर करने का मौका नहीं छोड़ते थे।

नहीं मिला इंक्रीमेंट
साल 2002 में उन्होने खूब काम किया, इसके बावजूद उन्हें इंक्रीमेंट नहीं दिया गया, बॉस ने उनकी मेहनत को नजरअंदाज कर दिया। Powderकरीब पांच साल तक कंपनी के लिये दौड़-धूप करने के बाद भी जब इस तरह से मेरे साथ ट्रीट किया गया, तो फिर मैंने भी गुस्से में नौकरी छोड़ दी, और दूसरे विकल्पों पर विचार करने लगा।

बॉस से तानों से हुए परेशान 
अजय कुमार ने उन दिनों को याद करते हुए बताया कि वो अच्छा काम कर रहे थे, लेकिन बॉस के तानों से परेशान हो गये थे, Kanpur3वो उन्हें लगातार टॉर्चर करते रहते थे, साथ ही इंक्रीमेंट ना मिलने से भी नाराज थे, लेकिन वो समझ नहीं पा रहे थे कि नौकरी छोड़ने के बाद करेंगे क्या ?

काफी संघर्ष करना पड़ा
कानपुर के नये बिजनेस टायकून ने बताया कि नौकरी छोड़ने के बाद मुझे काफी दिनों तक संघर्ष करना पड़ा, chemicalमैं खुद का बिजनेस स्टार्ट करने के लिये लंबे समय तक कोशिश करता रहा, आखिरकार मैंने खुद का ही कैमिकल का बिजनेस शुरु किया, जिसमें मेरा पिछला अनुभव खूब काम आया । मैंने अपने बिजनेस को आगे बढाने के लिये विदेश जाकर ट्रेनिंग भी ली, फिर धीरे-धीरे बिजनेस आगे बढने लगा।

मिलने लगा अच्छा रिस्पॉन्स
अपने बिजनेस के बारे में बताते हुए अजय कुमार ने कहा कि इंग्लैंड में ट्रेनिंग लेने के बाद मैंने साल 2012 में एंजाइम बेस्ड झाग वाले सर्फ को लांच किया, Kanpur5फिर किसी ने सुझाव दिया कि मार्केट में एनिमल फीड सप्लीमेंट और कॉस्मेटिक्स प्रोडक्ट की ज्यादा डिमांड है, जिसके बाद मैंने इस प्रोडक्ट्स को मार्केट में लांच किया, इसमें भी अच्छा रिस्पॉन्स मिला, इससे मेरे बिजनेस में अच्छा ग्रोथ दिखने लगा।

50 देशों में करते हैं एक्सपोर्ट
अजय कुमार ने बताया कि आज भारत के कोने-कोने में जितने भी डिटर्जेंट मैन्युफैक्चरिंग के कारोबारी हैं, Kanpur4सभी से मेरी अच्छी जान-पहचान है, आज मेरी कंपनी के प्रोडक्ट्स करीब 50 देशों में एक्सपोर्ट होती है, आज इसी बिजनेस की बदौलत ही मेरे पास आलीशान घर और चार-चार लग्जरी कारें हैं।

सफलता के पीछे माता-पिता
बिजनेस टायकून ने अपनी इस सफलता के पीछे अपने माता-पिता को श्रेय देते हुए कहा कि आज मेरी सफलता और तरक्की से मेरे मां-बाप काफी खुश हैं, Kanpur6साथ ही मेरी पत्नी और दोनों बच्चों भी मुझे खूब सपोर्ट करते हैं, ताकि मैं और आगे बढ सकूं।