योगी सरकार 2.0- कैबिनेट की कवायद शुरु, ये विधायक बन सकते हैं पहली बार मंत्री, देखिये लिस्ट

yogi amit shah

यूपी चुनाव में कुछ नये चेहरों ने भी धमाल मचाया है, उनके प्रदर्शन के आधार पर ये अनुमान लगाया जा रहा है कि योगी सरकार 2.0 में उन्हें भी शामिल किया जा सकता है।

New Delhi, Mar 12 : यूपी विधानसभा चुनाव खत्म हो गये हैं, बीजेपी नेतृत्व प्रदेश में नये कैबिनेट की शक्ल तय करने में लगी हुई है, ऐसे में ये जानना दिलचस्प है कि किन विधायकों को नये कैबिनेट में जगह मिल सकती है, पिछली योगी सरकार के कई मंत्री दोबारा जीतकर सदन पहुंचे हैं, ऐसे में उन्हें तो बड़े-बड़े मंत्रालय दिये ही जाएंगे, लेकिन यूपी चुनाव में कुछ नये चेहरों ने भी धमाल मचाया है, उनके प्रदर्शन के आधार पर ये अनुमान लगाया जा रहा है कि योगी सरकार 2.0 में उन्हें भी शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में प्रचंड जीत के बाद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है, इसके साथ कैबिनेट की कवायद और तेज हो गई है।

केतकी सिंह
केतकी सिंह ने इस चुनाव में बड़ा उलटफेर किया है, बलिया की बांसडीह सीट पर पहली बार बीजेपी केतकी सिंह की बदौलत विजय पताका फहरा सकी है, इससे भी अहम बात ये है कि केतकी सिंह ने सपा के दिग्गज नेता को हराया है, रामगोविंद चौधरी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष थे, लगातार कई बार से बांसडीह से जीत रहे थे, लेकिन केतकी सिंह ने उन्हें पटखनी दे दी, इतने वरिष्ठ नेता को हराकर बीजेपी का पताका फहराने के लिये पार्टी उन्हें मंत्री पद दे सकती है।
असीम अरुण
दलित कोटे से असीम अरुण को मंत्री बनाया जा सकता है, चुनाव से कुछ दिन पहले ही असीम ने कानपुर के पुलिस कमिश्नर का पद छोड़कर बीजेपी ज्वाइन किया था, वो कन्नौज सदर से विधायक चुने गये हैं, पुलिस विभाग का लंबा अनुभव असीम अरुण के पास है, योगी उन्हें खुद चुनाव लड़ने के लिये राजी किया था, असीम अरुण को मंत्री पद से ज्यादा भी कुछ मिल सकता है।

नितिन अग्रवाल
हरदोई से सपा विधायक रहे नितिन अग्रवाल को पिछली बार बीजेपी ने डिप्टी स्पीकर बनाया था, इससे नितिन की ताकत का अंदाजा लगाया जा सकता है, इस बार बीजेपी से विधायक बने हैं, ऐसे में उनके भी मंत्री बनाये जाने की संभावना प्रबल है।
श्रवण कुमार निषाद
बीजेपी की सहयोगी निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के बेटे श्रवण कुमार निषाद गोरखपुर की चौरी चौरा सीट से चुनाव जीते हैं, वैसे तो संजय निषाद भी एमएलसी हैं, लेकिन इस बात की संभावना जताई जा रही है कि संजय निषाद बेटे को ही मंत्री बनवाएंगे, श्रवण को राजनीति में स्थापित करने का इससे बेहतर मौका संजय निषाद को फिर शायद ही मिले।

अंजुला माहौर
हाथरस से पहली बार विधायक बनी अंजुला सिंह माहौर की लॉटरी लग सकती है, करीब 1 लाख वोटों के अंतर से विजयी हुई माहौर को दलित कोटे से मंत्री बनाया जा सकता है, आगरा की मेयर रह चुकी हैं, बेहद तेज-तर्रार लीडर के तौर पर अंजुला की पहचान है, दलित लीडरशिप की जिस कमी से बीजेपी जूझ रही है, उसे अंजुला माहौर पूरी कर सकती है।
सुरेन्द्र कुमार कुशवाहा
कुशीनगर के फाजिलनगर सीट से स्वामी प्रसाद मौर्य को हराने वाले सुरेन्द्र कुमार कुशवाहा को भी योगी कैबिनेट में जगह मिल सकती है, पिछड़ी जाति के कोटे से इनके मंत्री बनने की संभावना प्रबल है, कुशवाहा लीडरशिप की कमी पूरी करेंगे।

अदिति सिंह
रायबरेली सीट पर पहली बार बीजेपी का झंडा फहराने वाली अदिति सिंह की भी लॉटरी लग सकती है, उनको मंत्री बनाकर बीजेपी 2024 के चुनाव में सोनिया गांधी का किला ध्वस्त करने की जुगत कर सकती है, aditi singh स्मृति ईरानी के सहारे उसने पहले ही राहुल गांधी की सीट अमेठी छीन चुकी है।
त्रिभुवन राम
त्रिभुवन राम अजगरा से जीते हैं, मंत्री बन सकते हैं, प्रदेश के चर्चित दलित नेताओं में उनका नाम शुमार रहा है, दलित लीडरशिप की कमी को पूरा करने में बीजेपी को मदद कर सकते हैं।

बेबी रानी मौर्या
उत्तराखंड के राज्यपाल पद से इस्तीफा देकर यूपी विधानसभा चुनाव लड़ने वाली बेबी रानी मौर्या भी मंत्रियों की रेस में आगे हैं, जाटव बिरादरी की होने की वजह से उनका मंत्री बनना तय है, कहा जा रहा है कि उन्हें डिप्टी सीएम भी बनाया जा सकता है।
अनुराग सिंह
चुनार से चुनाव जीते अनुराग सिंह सिंचाई मंत्री रहे ओम प्रकाश सिंह के बेटे हैं, उन्हें कैबिनेट में जगह देकर बीजेपी हाईकमान कुर्मी बिरादरी की जबरदस्त गोलबंदी करने की कोशिश कर सकती है।