वरुण गांधी से उलझने वाले बाहुबली भाई सोनू-मोनू यूपी चुनाव में आजमाना चाहते हैं किस्मत

sonu monu

बाहुबली पूर्व विधायक यशभद्र सिंह उर्फ मोनू ने बताया कि जिला पंचायत चुनाव के दौरान बीजेपी से टिकट मांगा था, लेकिन किसी कारणवश टिकट नहीं मिल पाया था।

New Delhi, Dec 17 : राजनीति में एक शब्द इन दिनों खूब सुनने को मिलता है, बाहुबली, बाहुबली सांसद, बाहुबली विधायक, यानी ऐसे नेता जो अपने क्षेत्र में अपनी दबंग इमेज के लिये जाने जाते हैं, इसी कड़ी में चंद्रभद्र सिंब सोनू और यशभद्र सिंह मोनू दो नये नाम उभर रहे हैं, यूपी के सुल्तानपुर जिले में इन दोनों नामों की तूती बोलती है, जिले में कोई भी अपराध हो, इनका नाम उसमें आना तय है, कहते हैं कि सुल्तानपुर में सोनू-मोनू के दुश्मन को बहुत हैं। लेकिन कोई ऐसा नहीं है, जो सीधे टक्कर ले सके, मोनू ने न्यूज 18 से बात करते हुए कहा कि 2022 विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर इसौली सीट से लड़ने की तैयारी है, उन्होने बताया कि बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती से मुलाकात हुई है, उन्होने टिकट देने का पूर्ण आश्वासन दिया है।

बीजेपी से मांगा था टिकट
बाहुबली पूर्व विधायक यशभद्र सिंह उर्फ मोनू ने बताया कि जिला पंचायत चुनाव के दौरान बीजेपी से टिकट मांगा था, लेकिन किसी कारणवश टिकट नहीं मिल पाया था, वहीं मोनू के बड़े भाई चंद्रभद्र सिंह सोनू किस पार्टी से चुनाव लडेंगे इसे लेकर सस्पेंस बरकरार है, मोनू कहते हैं कि भईया अभी 6 दिन पहले ही जेल से छूटे हैं, लेकिन चुनाव जरुर लड़ेंगे।

सपा से टक्कर
उन्होने कहा कि सुल्तानपुर सदर सीट से बड़े भाई चंद्रभद्र सिंह सोनू चुनाव लड़ सकते हैं, सोनू बसपा से विधायक रहे हैं, वो किस पार्टी से सीधी टक्कर मानते हैं, sonu monu (1) इस सवाल पर मोनू ने कहा कि बीजेपी तो जीत नहीं पाएगी, हमारी टक्कर समाजवादी पार्टी से रहेगी। आपको बता दें कि 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान सोनू-मोनू वरुण गांधी के साथ उलझने की वजह से चर्चा में थे।

इन दो सीटों पर नजर
यशभद्र सिंह उर्फ मोनू 19 मुकदमों में आरोपित हैं, लेकिन दोनों भाइयों की हनक इलाके में देखने को मिलती है। लेकिन इनके शौक भी निराले हैं, मसलन इनके पास 9 गाड़ियां है, जिनका नंबर UP 44 AH 0001 है, सुल्तानपुर जिले में सोनू-मोनू के विरोधी भले ही हों, लेकिन बाहुबल के पैमाने पर कोई उनसे सीधे टकराने की स्थिति में नहीं है, शायद यही कारण है कि जिले में कभी गैंगवार की स्थिति नहीं रही, वैसे तो सुल्तानपुर में पांच विधानसभा सीटें है, लेकिन सबकी नजर सबसे चर्चित इसौली सीट और सुल्तानपुर सदर पर है। आपको बता दें कि संत ज्ञानेश्वर ने 1996 में पूर्व विधायक इंद्रभद्र सिंह की हत्या कराई थी, मोनू और सोनू ने 2006 में पिता की हत्या का बदला लेने के लिये संत ज्ञानेश्वर की हत्या करा दी, दुश्मनी का रंग गाढा होने के साथ ही सोनू और मोनू का इलाके में दबदबा भी बढा, हत्या, हत्या की कोशिश, बलवा, गैंगस्टर और गुंडा एक्ट जैसे करीब 19 मुकदमे मोनू पर दर्ज हुए थे।