CDS बिपिन रावत की मौत पर चीनी मीडिया की बेशर्म टिप्पणी, ओछी हरकत पर उतर आया ड्रैगन

सीडीएस बिपिन रावत के निधन पर देश ही नहीं पड़ोसी मुल्‍कों ने भी दुख जताया है, लेकिन ऐसे समय में भी चीन अपनी हरकत से बाज नहीं आया । पढ़ें क्‍या कहा ।

New Delhi, Dec 11: भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर क्रैश में बुधवार को भारत के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत समेत 14 लोगों की मौत पर चीनी मीडिया में तंज़ कसा जा रहा है । बेशर्म चीन उस मौके में भी अवसर ढूढ रहा है जब पूरा पड़ोस भारत के दुख में उसके साथ खड़ा है । बिपिन रावत की मौत पर चीन में सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी का मुखपत्र मानेजाने वाला अख़बार ग्लोबल टाइम्स भारत पर तंज कसा है । ड्रैगन की ये ओछी हरकत बर्दाश्‍त के बाहर है ।

भारतीय सेना पर टिप्‍प्‍णी
एक ओर पूरा भारत सीडीएस की मौत से गमगीन हैं वहीं चीन को इस मौके पर भी राजनीति का मौका नहीं छोड़ना । चीनी मीडिया ने जनरल बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर क्रैश में मारे को तो मानवीय भूल बताया है लेकिन अखबार ने लिखा है कि शीर्ष सैन्य अधिकारी की हादसे में मौत से भारतीय सेना की कमियों का पता चलता है । चीनी मीडिया ने कहा कि इस हादसे से भारतीय सेना के आधुनिकीकरण के दावे को भी तगड़ा झटका लगा है । अखबार ने इसे लेकर एक आर्टिकल लिखा है और उसमें जनरल रावत को ‘चीन विरोधी’ कहा है ।

अखबार में क्‍या लिखा है-
चीन के अखबार ने लिखा है-  ‘हेलीकॉप्टर दुर्घटना में भारत के रक्षा प्रमुख की मौत ने न केवल भारतीय सेना के अनुशासन और युद्ध की तैयारियों की कमी को उजागर किया है, बल्कि देश के सैन्य आधुनिकीकरण को भी भारी झटका दिया है जिससे भारत लंबे समय तक नहीं उबर पाएगा।’ इसके साथ ही चीनी विश्लेषकों ने भी बयान दिए हैं, उन्‍होंने जनरल रावत को चीन विरोधी करार देते हुए कहा है कि चीन विरोधी शीर्ष रक्षा अधिकारी के निधन के बावजूद भी भारत-चीन के सीमावर्ती इलाकों में चीन के प्रति भारत के आक्रामक रुख में बदलाव की कोई संभावना नहीं है ।

क्रैश को बताया ‘मानवीय गलती’
ग्लोबल टाइम्स ने जनरल रावत के हेलिकॉप्टर क्रैश को मानवीय भूल बताया, अखबार में लिखा है कि Mi-17V5 रूसी हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल व्यापक रूप से कई देशों द्वारा होता है । अपने विश्लेषकों के हवाले से चीन ने लिखा है कि दुर्घटना के सभी संभावित कारण रूसी हेलीकॉप्टर के बजाय मानवीय कारकों की ओर इशारा करते हैं । चीनी मीडिया यहीं नहीं रुका, उसने भारतीय सेना को बताया ‘अनुशासनहीन’ करार दे दिया । ग्लोबल टाइम्स ने एक अज्ञात चीनी सैन्य विशेषज्ञ का हवाला देते हुए लिखा है, ‘भारत को एक ढीली और अनुशासनहीन सैन्य संस्कृति के लिए जाना जाता है । भारतीय सैनिक अक्सर मानक संचालन प्रक्रियाओं और नियमों का पालन नहीं करते हैं।’दरअसल सीडीएस रावत चीनी आक्रामकता के खिलाफ काफी मुखर थे, उन्होंने 2017 में दोनों देशों के बीच डोकलाम में जारी विवाद का नेतृत्व किया था । वहीं 2020 में गलवान में चीनी आक्रामकता का मुकाबला करने में भी जनरल रावत ने अहम भूमिका निभाई थी ।