कौन है केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ चुनाव लड़ने वाली सीमा देवी, बसपा से बीजेपी, फिर कांग्रेस में शामिल

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करीब 6 महीने तक बीजेपी के नेताओं के संपर्क में रही, अभी हाल ही में उन्होने गुपचुप तरीके से कांग्रेस की सदस्यता ली, जिसका ना तो बीजेपी के नेताओं को जानकारी हुई और ना ही वार्ड की जनता को।

New Delhi, Feb 05 : यूपी के कौशाम्बी जिले की सिराथू विधानसभा सीट से कांग्रेस ने सीमा देवी को उम्मीदवार बनाया है, सीमा देवी 2021 में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बसपा से जिला पंचायत सदस्य पद के लिये वार्ड नंबर 11 से चुनाव लड़ी थी, जनता ने उन्हें जिताकर मिनी सदन भेजने का काम किया, चुनाव जीतने के बाद से ही वो जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिये दौड़ लगाने लगी।

गुपचुप ली थी कांग्रेस की सदस्यता
इसके लिये उन्होने लखनऊ तक का सफर किया बीजेपी के बड़े-बड़े नेताओं से भी संपर्क साधा, लेकिन वहीं कोई फायदा नहीं दिखा, congress वो कांग्रेस नेताओं के संपर्क में आई, गुपचुप तरीके से उन्होने कांग्रेस की सदस्यता ली, फिर कांग्रेस ने उन्हें सिराथू विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतार दिया।

जिला पंचायत सदस्य
सिराथू विधानसभा के रामपुर धमावा की माजरा भटपुरवा की रहने वाली सीमा देवी गृहिणी है, उन्होने वार्ड नंबर 11 से बसपा के पैनल से जिला पंचायत सदस्य पद का चुनाव लड़ा था, जनता ने उन पर भरोसा किया, वो जीत कर मिनी सदन पहुंची, हालांकि उनके प्रतिनिधि के रुप में काम पति अनिल गौतम देख रहे हैं। कौशाम्बी जिला पंचायत अध्यक्ष पद अनुसूचित जाति के लिये आरक्षित है, ऐसे में वो जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने का सपना देखने लगे, इसके लिये लखनऊ के चक्कर लगाना शुरु कर दिया, कुर्सी की चाहत में बसपा छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया, लेकिन इसके बाद भी उन्हें कामयाबी नहीं मिली।

डिप्टी सीएम के खिलाफ लड़ेगी चुनाव
करीब 6 महीने तक बीजेपी के नेताओं के संपर्क में रही, अभी हाल ही में उन्होने गुपचुप तरीके से कांग्रेस की सदस्यता ली, जिसका ना तो बीजेपी के नेताओं को जानकारी हुई और ना ही वार्ड की जनता को, keshav1 अब वो डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के सामने चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। उन्होने बताया कि प्रियंका गांधी वाड्रा के सचिव ने उन्हें फोन कर सिराथू विधानसभा से चुनाव लड़ने का ऑफर किया, उनका कहना है कि पहली दफा तो उन्होने चुनाव लड़ने से मना कर दिया था, लेकिन जब उनके पास फिर से प्रियंका जी के सचिव का फोन आया, तो उन्होने चुनाव लड़ने का मन बना लिया, अब देखना है कि चुनाव में उनकी स्थिति क्या रहती है।