नहीं भर पा रहा कांग्रेस का खजाना, आप-शिवसेना ने मिलकर कांग्रेस को पछाड़ा

कांग्रेस ने इसी हफ्ते एक बैठक में तय किया है कि पार्टी 40 दिनों का एक कार्यक्रम चलाएगी, जिसमें कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों से संपर्क करेंगे और चुनाव लड़ने के लिये फंड मांगेंगे।

New Delhi, Sep 09 : सत्ता से बाहर चल रही राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस की माली हालत खराब होती जा रही है। कांग्रेस को मिलने वाले चंदे में भारी कमी आयी है, हालात यहां तक पहुंच गये हैं कि कांग्रेस क्षेत्रीय पार्टीयां शिवसेना और आम आदमी पार्टी से भी कम चंदा मिला है। कॉरपोरेट सेक्टर की ओर से मिलने वाले चंदे में आई कमी की वजह से देश की सबसे पुरानी पार्टी अब चंदा जुटाने के लिये पुरानी परंपरा की ओर वापस लौटने पर विचार कर रही है।

घर-घर जाकर चंदा मांगेंगे
कांग्रेस ने इसी हफ्ते एक बैठक में तय किया है कि पार्टी 40 दिनों का एक कार्यक्रम चलाएगी, जिसमें कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों से संपर्क करेंगे और चुनाव लड़ने के लिये फंड मांगेंगे। जिस से जितना हो सकेगा, वो उतना ही मदद करे। यानी जनसंपर्क के साथ-साथ कांग्रेस को धन भी मिल जाएगा। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस ने फंड की कमी की वजह से अपनी कई पार्टी कार्यालयों को फंड जारी नहीं किया है।

शिवसेना और आप से भी कम चंदा
इलेक्शन एंड पॉलिटिकल पार्टी वॉचडॉग एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म ने बीते महीने एक रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें साल 2016-17 में क्षेत्रीय पार्टियों को मिले चंदे की जानकारी दी गई है। हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार चंदे की तुलना करने पर पता चला कि देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को क्षेत्रीय दलों शिवसेना और आम आदमी पार्टी को मिले कुल चंदे से भी कम चंदा मिला है।

बीजेपी है नंबर वन
कांग्रेस को साल 2016-17 में 42 करोड़ रुपये का चंदा मिला है, वहीं शिवसेना को 26 करोड़ रुपये और आम आदमी पार्टी ने 25 करोड़ रुपये चंदे से जुटाया है। अगर शिवसेना और आप को मिला दिया जाए, तो दोनों मिलकर कांग्रेस से चंदा हासिल करने में आगे हैं। इस रिपोर्ट में इस बात की भी जानकारी दी गई है, कि बीजेपी देश की अन्य राजनैतिक पार्टियों से चंदा जुटाने में काफी आगे हैं, रिपोर्ट के अनुसार भारतीय जनता पार्टी को 532 करोड़ रुपये का चंदा मिला है।

बीजेपी के चंदे के बढोत्तरी
जिस समय कांग्रेस केन्द्र की सत्ता में थी, तब भी बीजेपी को कांग्रेस से ज्यादा चंदा मिला था, यूपीए के दूसरे कार्यकाल में बीजेपी को मिलने वाला चंदा कांग्रेस से करीब दोगुना था, जब बीजेपी की सरकार बनी, तो ये पहले तीन सालों में 5 गुना हो गया, अब तो ये करीब 12 गुना हो चुका है। आपको बता सदें कि चंदा ही राजनैतिक पार्टियों की आमदनी का एक मात्र जरिया नहीं होता है, इसके अलावा भी उन्हें कई स्त्रोत से पैसे मिलते हैं।