जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने को लेकर हलचल तेज, ये हैं समीकरण

सोमवार को नई दिल्ली में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की अगुवाई में कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के नेताओं संग सरकार बनाने को लेकर चर्चा की है।

New Delhi, Jul 02 : जम्मू-कश्मीर में फिर से एक बार सियासी पारा चढने लगा है, सूत्रों के अनुसार पीडीपी ने कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने की पहल की है। बताया जा रहा है कि सोमवार को नई दिल्ली में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की अगुवाई में कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के नेताओं संग सरकार बनाने को लेकर चर्चा की है। आपको बता दें कि बीते महीने ही बीजेपी ने पीडीपी से समर्थन वापस ले लिया, जिसके बाद प्रदेश में राज्यपाल शासन लागू है।

जल्द से जल्द चुनाव हो
कांग्रेस की बैठक के बाद अंबिका सोनी ने कहा कि हमारी मांग है कि जम्मू-कश्मीर में जल्द से जल्द चुनाव हो, हमने आज की बैठक में करीब 100 नेताओं को बुलाया था, जिसमें सांसद, विधायक, पूर्व सांसद और पूर्व विधायक समेत अन्य नेता शामिल हुए। कांग्रेस की प्लानिंग ग्रुप की बैठक में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, अंबिका सोनी, डॉ. कर्ण सिंह, पी चिदंबरम और गुलाम नबी आजाद शामिल हुए।

महबूबा कर सकती हैं सोनिया गांधी से मुलाकात
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती आज दिल्ली में हैं, माना जा रहा है कि वो यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकती हैं, जिसके बाद प्रदेश के नये राजनीतिक समीकरण भी देखने को मिल सकते हैं, हालांकि इस बात की संभावना कम ही है, कि कांग्रेस इस स्थिति में पीडीपी के साथ सरकार बनाने की रिस्क लेगी, लेकिन राजनीति में किसी भी बात से इंकार नहीं किया जा सकता।

मंगलवार को कांग्रेस विधायकों की बैठक
इसके अलावा मंगलवार को कांग्रेस विधायकों की श्रीनगर में बैठक भी होने वाली है, जिसमें हालिया राजनीतिक घटनाक्रम पर चर्चा होगी। जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने के लिये 44 विधायकों की जरुरत है, पीडीपी के पास 28 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के 12 विधायक हैं, इन दोनों के मिल जाने के बाद भी 4 विधायक कम पड़ेगे, 3 निर्दलीय विधायक और 1-1 सीपीआईएम और जेकेडीएफ के विधायक हैं, जो सरकार बनाने के पक्ष हैं, वो भी सरकार बनाने में मदद कर सकते हैं।

बीजेपी ने सरकार गिराया
आपको बता दें कि बीते महीने बीजेपी महासचिव और जम्मू-कश्मीर के प्रभारी ने प्रेस कांफ्रेस कर पीडीपी सरकार से समर्थन वापसी का ऐलान किया था, बीजेपी के इस फैसले से सब हैरान रह गये थे। बीजेपी के समर्थन वापस लेने के बाद सीएम महबूबा मुफ्ती ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद से प्रदेश में राज्यपाल शासन लागू है।

विश्वासघात का आरोप
बीजेपी ने इस गठबंधन के टूटने की वजह पीडीपी का विश्वासघात बताया था, बीजेपी महासचिव ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर का संतुलित विकास किया जाना था, कश्मीर की तरह ही जम्मू और लद्दाख पर भी ध्यान देना चाहिये था। लेकिन ये नहीं हुआ, कश्मीर में शांति बनाये रखने के प्रयास और आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने के बजाय कानून व्यवस्था पर सवाल उठने लगे। सेना के जवान और पत्रकार की हत्या होने लगी। ऐसे में गठबंधन तोड़ सरकार से बाहर निकलने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं था।

नेशनल कांफ्रेस कर रही चुनाव की मांग
जम्मू-कश्मीर की मुख्य राजनीतिक दल के नेशनल कांफ्रेस के मुखिया और पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने जल्द से जल्द प्रदेश में चुनाव कराने की मांग की है। कुछ दिन पहले चर्चित इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने बीजेपी के खिलाफ जम्मू-कश्मीर की पार्टियों को एक जुट होकर सरकार बनाने के लिये कहा था, हालांकि उनके इस सुझाव पर सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने जमकर ट्रोल किया ।