अनिल अंबानी को लगा सरकार की ओर से तगड़ा झटका, रद्द हुआ रिलायंस से बड़ा करार

अनिल अंबानी को जम्‍मू कश्‍मीर में तगड़ा झटका लगा है । रिलायंस कंपनी के साथ हुए एक करार को सरकार ने रद्द कर दिया है, मामले की जांच विजिलेंस को सौंपी गई है ।

New Delhi, Oct 26 : अनिल अंबानी की कंपनी को जम्‍मू-कश्‍मीर सरकार की ओर से तगड़ा झटका लगा है । जेएंडके के गवर्नर सत्यपाल मलिक ने अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप की एक कंपनी के साथ हुए ग्रुप मेडिकल इंश्योरेंस के एक कॉन्ट्रैक्ट को रद्द कर दिया है । यह घटना ऐसे वक्‍त में हुई हे जब अनिल अंबानी लड़ाकू विमान राफेल के सौदे को लेकर काफी चर्चा में हैं ।

टेंडर में फर्जीवाड़े का आरोप
जम्‍मू कश्‍मीर के गवर्नर सत्‍यपाल मलिक के अनुसार, टेंडर्स के आवंटन में फर्जीवाड़ा किया गया था । गवर्नर ने एक निजी अखबार से से बातचीत में कहा है , ‘हम इसकी जांच कर रहे हैं। इसके लिए टेंडर किसी अन्य कंपनी ने मंगवाया था, सरकार ने नहीं। हम यह मामला विजिलेंस को सौंप रहे हैं। इसमें जो भी शामिल हो, फिर चाहे कोई अधिकारी या बिजनेसमैन, बख्शा नहीं जाएगा।’

20 सितंबर को ही गवर्नर बने हैं मलिक
आपको बता दें सत्‍यपाल मलिक ने इसी साल 20 सितंबर को गवर्नर का कार्यभार संभाला है । इसके बाद ही राज्य सरकार के अंतर्गत काम

करने वाले साढ़े 3 लाख नियमित कर्मचारियों को इंश्योरेंस सुविधा देने के लिए रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था । कॉन्‍ट्रैक्‍ट के अनुसार इस इंश्योरेंस में कर्मचारियों और पेंशनधारकों को 8777 रुपये और 22229 रुपये सालाना प्रीमियम के रूप में देने थे और यह सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य कर दिया गया था ।

शर्तों में बदलाव का आरोप
गवर्नर ऑफिस के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार की ओर से ट्रिनिटी ग्रुप ने ये टेंडर निकाले थे । बताया गया है कि रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी को मौका देने के लिए शर्तों में बदलाव किए गए। वहीं वित्त सचिव नवीन चौधरी ने भी मीडिया को बताया कि ‘शिकायतों के निस्तारण और ट्रांजेक्शन अडवाइजर के लिए ट्रिनिटी ग्रुप का चुनाव बोली की प्रक्रिया के जरिए हुआ था। किसी चूक से बचने के लिए यह एक मानक प्रक्रिया है क्योंकि सरकारी अफसरों को इंश्योरेंस से जुड़े मुद्दों की समुचित विशेषज्ञता नहीं है।’
मंजूरी नहीं ली गई
वित्‍त सचिव के अनुसार इस ग्रुप इंश्योरेंस कंपनी के कॉन्‍ट्रैक्‍ट की कुल कीमत 280 करोड़ रुपये था । अडवांस प्रीमियम के तौर पर 60 करोड़ रुपये दिए जा चुके थे । जानकारी के अनुसार ये 60 करोड़ रुपये बिना चीफ सेक्रेटरी और गवर्नर की मंजूरी के भुगतान किए गए । इसीलिए अब इसे लेकर गर्वनर ऑफिस्‍ में हंगामा मचा हुआ है । इस कॉन्ट्रैक्ट को खत्म करने के लिए गर्वनर जल्‍द ही अइादेश जारी करेंगे ।

कर्मचरियों ने की थी शिकायत
गर्वनर सत्‍यपाल मलिक के अनुसार उनके पास कई कर्मचरियों की शिकायतें पहुंची थी । जिसमें ज्यादा प्रीमियम की शिकायत करते हुए कर्मचारियों ने इस इंश्योरेंस पॉलिसी को लेने के खिलाफ विरोध जताया था । सरकारी कर्मचरियों के लिए इसे लेने के लिए बाध्‍य किया जा रहा था । गवर्नर मलिक के अनुसार, उन्‍होने इन शिकायतों के बाद खुद फाइलों का अध्ययन किया, जिसके बाद वो इस निर्णय पर पहुंचे । इस स्कीम में कई समस्याओं को देखते हुए इसे अब रद्द किया जाएगा ।