कभी पिता ने जीते थे देश के लिए मेडल, अब बेटी भी ले आई दो स्वर्ण पदक

कभी इस बेटी के पिता ने देश के लिए मेडल जीते थे और आज ये बेटी देश के लिए दो स्वर्ण पदक जीतकर आई है। देशभर में इस लड़की की चर्चाएं हो रही हैं। जानिए

New Delhi, Mar 28: उस बेटी के पिता ने भी कभी देश का मान सम्मान बढ़ाया था। आज वो बेटी भी अपने पिता के नक्शे कदम पर है और देश के लिए दो स्वर्ण पदक जीते हैं। हम बात कर रहे हैं गोल्डन ब्वॉय कहे जाने वाले जसपाल राणा की बेटी देवांशी राणा की। देवांशी ने ऑस्ट्रेलिया में दो गोल्ड मेडल जीते हैं और अपने प्रदेश के साथ साथ देश का नाम में दुनियाभर में रोशन किया है।

सिडनी में जीते दो गोल्ड मेडल
ऑस्ट्रेलया के सिडनी में हुए जूनियर शूटिंग वर्ल्ड कप का आयोजन करवाया गया था। जसपाल राणा की बेटी देवांशी राणा और मनु भाकर महिमा की भारतीय जोड़ी ने 25 मीटर स्पोर्ट्स पिस्टल ईवेंट में गोल्ड मेडल जीता है। देवांशी राणा ने इस वर्ल्ड कप में ये दूसरा गोल्ड मेडल जीता है। इस दोहरी स्वर्णिम सफलता के बाद से देवांशी के घर और गांव में खुशी का माहौल है।

गांव में खुशी का माहौल
देवांशी राणा का पैतृक गांव चिलमु नैनबाग में है। इस बार वो देश के लिए दो गोल्ड जीतने में कामयाब साबित हुई हैं। 29 मार्च की शाम को देवांशी दिल्ली के अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पहुंचेंगी। इसके लिए अभी से ही स्वागत की तैयारियां शुरू हो गई हैं। देवांशी के पिता जसपाल राणा के नाम को पूरा देश अच्छी तरह से जानता है। पद्मश्री पुरस्कार जीतने वाले जसपाल राणा ने देश को कई बार सम्मान के पल दिए थे।

पिता सेर तो बेटी सवा सेर
अब ये जिम्मा जसपाल राणा की बेटी देवांशी राणा ने संभाला है। देवांशी के दादा नारायण सिंह राणा ने भी राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीता था। इसके बाद नारायण सिंह राणा के बेटे जसपाल राणा ने तो इतिहास ही रच दिया था। जसपाल राणा ने 1995 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में आठ स्वर्ण पदक जीतकर नया रिकॉर्ड तैयार किया था।

ये है जसपाल राणा की कहानी
25 मीटर सेंटर फायर पिस्टल कैटेगरी में जसपाल राणा ने कमाल ही कर दिया था।1994 के एशियन गेम्स में जसपाल राणा ने गोल्ड मेडल जीता था। फिलहाल जसपाल राणा देहरादून में राणा इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड टेक्नोलॉजी में बतौर कोच हैं। पद्मश्री से पहले जसपाल राणा को अर्जुन अवॉर्ड भी मिल चुका है। अब जसपाल राणा की बेटी देवांशी राणा भी इसी सिलसिले को आगे बढ़ा रही हैं।

पिता के नक्शे कदम पर बेटी
देवांशी से अब उम्मीदें और भी ज्यादा बढ़ गई हैं। देवांशी के पिता जसपाल राणा बेटी की इस कामयाबी से बेहद खुश हैं। बड़ी प्रतियोगिता में कद्दावर खिलाड़ियों को कड़ी टक्कर देने वाली देवांशी के लिए इतना कहा जा सकता है कि वो लंबी रेस की खिलाड़ी बन रही हैं। उम्मीद लगाई जा रही है कि आने वाले ओलंपिक में देवांशी देश को गोल्ड मेडल दिलाएंगी।

अब ओलंपिक पर निशाना
लक्ष्य पर निशाना लगाना देवांशी का जुनून बन गया है। वैसे शूटिंग के लिए बेहद ही ऊंचे स्तर का ध्यान लगाया जाता है, कुछ देर तक सांसों को थामकर लक्ष्य पर निशाना लगाया जाता है। देवांशी को इस काम में महारत हासिल है। इसीलिए ये बेटी देश के लिए दो स्वर्ण पदक जीतकर लाई है। इस उपलब्धि के लिए देवांशी को हार्दिक शुभकामनाएं।