इमरान खान की बेवकूफी कहीं जंग ना करवा दे

नए पाकिस्तान का दावा करने वाले इमरान खान के विदेश मंत्री ने अपना खोखलापन दिखाते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच से इस हमले का आरोप भारत पर जड़ दिया।

New Delhi, Oct 03 : न्यूयॉर्क में दुनिया के देश नए पाकिस्तान का रोड मैप जानने के लिए बेकरार थी, यूएन असेंबली के हॉल में अमूमन पाकिस्तान जैसे देश को सुनने के लिए इतने लोग नहीं रहते, लेकिन इमरान खान की सरकार ने जो ढोल पीटे उसके बाद दुनिया ये जानना चाहती थी कि आखिर अब इस नए पाकिस्तान की झलक कैसी होने वाली है। शनिवार शाम करीब साढ़े सात बजे सुषमा स्वराज का भाषण हुआ और उसके करीब चार घंटे बाद रात साढ़े ग्यारह बजे के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी भाषण देने आए।

अपने कर्जों को चुकाने के लिए गाड़ियां और भैंसे बेच रहे पाकिस्तान के पास मौका था कि वो मौजूदा परेशानियों के बावजूद दुनिया के सामने एक ऐसा नक्शा रखता जिससे ये लगे कि वो परेशान है, जूझ रहा है लेकिन इससे उबरने का रास्ता उसके पास है। अफसोस कि कुरैशी का भाषण ये साबित कर गया कि पाकिस्तान और बुरी गर्त में गिरने वाला है और वहां से उसे उबारने वाला कोई नहीं। फारसी के पैबंद लगे लबाबदार शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कुरैशी का सुर अदब के नाम पर तो धीमा था, लेकिन ज़बान से निकल रहे शब्द बता रहे थे कि सुषमा स्वराज का भाषण उनके सिर पर भूत बनकर नाच रहा है।

बातचीत ठुकराने का रोना रोते हुए कुरैशी दुनिया के सामने भारत की चुगली करते रहे और फिर एकाएक ऐसी घटिया हरकत पर उतारू हो गये जिसे देखकर पाकिस्तान के सियासतदान भी शर्मिंदा हो जांए। कुरैशी ने पेशावर के स्कूल में हुए हमले का ज़िक्र किया, 16 दिसंबर 2014 को तहरीक-ए-तालिबान के 7 आतंकियों ने पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल में घुसकर 145 लोगों की हत्या कर दी, मरने वालों में ज्यादातर मासूम बच्चे थे। इस हमले की चारों तरफ निंदा हुई। भारत सरकार ने तो इसकी निंदा की ही, स्कूलों में भी मासूमों के लिए मौन रखा गया।
2014 से लेकर अब तक पाकिस्तान की किसी सरकार ने इस हमले के लिए भारत की तरफ अंगुली नहीं उठाई, नवाज़ शरीफ और सरताज़ अज़ीज भले ही दूसरे मुद्दों पर भारत के खिलाफ ज़हर उगलते रहे लेकिन पेशावर स्कूल हमले के लिए कभी इशारों में भी भारत का नाम नहीं लिया। नए पाकिस्तान का दावा करने वाले इमरान खान के विदेश मंत्री ने अपना खोखलापन दिखाते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच से इस हमले का आरोप भारत पर जड़ दिया। बदहवास कुरैशी ने भारत को युद्ध की धमकी तक दे डाली। इसके अलावा कुरैशी के भाषण में इसके अलावा वही कश्मीर, मानवाधिकार और दहशतगर्दी जैसी बातें थीं।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री का भाषण ये बता गया कि इमरान खान के दिल में क्या है। सियासी पोपट इमरान खान के मंत्री ने भारत सरकार के बातचीत न करने के फैसले को भी सही ठहरा दिया। ये समझा जा सकता है कि जो मुल्क और उसके रहनुमा बस्ते में इतने गंदे आरोपों का बारूद लेकर बैठे हों क्या उनके साथ टेबल पर बैठकर कॉफी पीनी चाहिए।
ये एक भाषण बता रहा है कि पाकिस्तान किस तरह का नक्शा खींच रहा है, ये बात भी साफ हो रही है कि इमरान खान के पास कर्ज में डूबे पाकिस्तान को बाहर निकालने के लिए कोई रास्ता नहीं है, और वो अपनी नाकामी छिपाने के लिए कुछ भी करेगा। पाकिस्तानी आर्मी की गोद में बैठे इमरान खान इस हद तक भी जा सकते है कि वो बॉर्डर पर इतनी टेंशन पैदा कर दें कि युद्ध के बादल मंडराने लगें।

(टीवी पत्रकार दिनेश कांडपाल के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)