मिलिए ट्रांसजेंडर ड्रैगन लेडी से, लाखों रूपये खर्च करके पाया ये डरावना रूप

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हम आपको मिलवाते हैं ऐसे आदमी से जो अब महिला है, ड्रैगन लेडी के नाम से मशहूर है, ऐसा रूप पाने के लिए इन्होंने लाखों रूपये खर्च किए हैं।

New Delhi, Feb 28: हमारी दुनिया अनोखे लोगों से भरी हुई है, लोग अपने शौक पूरे करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। जीवन जीने का तरीका अलग होता है, अब इनसे मिलिए, जो ट्रांसजेंडर हैं, लेकिन इनकी पहचान केवल इतनी नहीं हैं, इनको ड्रैगन लेडी के नाम से जाना जाता है, इसका कारण ये है कि इन्होंने अपने शरीर को ड्रैगन की तरह बना लिया है, मजे की बात ये है कि इन सारे शौक से पहले ये एक जाने माने बैंक में वाइस प्रेजीडेंट हुआ करते थे। लेकिन शौक और सनक पर किसी का बस नहीं चलता है।

पैदाइशी पुरुष थे, लेकिन
रिचर्ड हरनांडेज नाम का ये शख्स पहले एक बड़े बैंक में वाइस प्रेजीडेंट के पद पर हुआ करता था, रिचर्ड समलैंगिक थे, 1997 तक रिचर्ड पुरुषों की तरह रहते थे, लेकिन एक दिन इनको पता चला कि इन्हे एचआईवी है, जिसके बाद इनकी जिंदगी बदल गई।

एचआईवी के कारण छोड़ी नौकरी
रिचर्ड जो ड्रैगन लेडी के रूप में जाने जाते हैं, उनको 1997 के बाद एड्स हो गया, रिचर्ड को लगने लगा कि अब वो ज्यादा दिन तक जिंदा नहीं रह पाएंगे, इसलिए उन्होंने नौकरी छोड़ कर अपने शौक पूरे करने शुरू कर दिए। इंसान छोड़िए रिचर्ड ने सांप की तरह जिंदगी बिताने का फैसला किया।

सबसे पहले खुद को महिला में बदला
रिचर्ड समलंगिक थे, इसलिए नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने सबसे पहले खुद को महिला के तौर पर बदला, ऑपरेशन करवाया और वो महिला बन गए। पुरुष से महिला बनने के बाद उन्होंने खुद को रेप्टाइल की तरह बनाने की सोची। ड्रैगन लेडी बनने की शुरूआत प्लास्टिक सर्जरी से हुई, उन्होंने अपने दोनों काट कटवा लिए, जीभ भी बीच से कटवा ली।

35 लाख में हुआ परिवर्तन
खुद को सांप की तरह दिखाने के लिए रिचर्ड ने लगभग 35 लाख रूपये खर्च किए। सांप की तरह दो हिस्सों में बटी जीभ, सिर पर ऊगे आठ सींग और ड्रैगन की तरह शरीर पर टैटू के निशान, अब यही इनकी पहचान है। अब वो अपने इस रूप से खुश हैं।  जहां भी ये जाती हैं वहां लोगों की भीड़ जमा हो जाती है।

रिचर्ड को मिला नया नाम
रिचर्ड ने खुद को एक महिला बना लिय़ा, ड्रैगन लेडी के रूप में मशहूर हो गए, लेकिन उनका नया नाम क्या है जानते हैं, उनको Eva Tiamat Medusa (मेडयूसा) के नाम से जाना जाता है। ये सांपों को अपने पेरेंट्स मानते हैं। अपने बारे में एक इंटरव्यू में मेड्यूसा ने खुल कर बताया है।

एचआईवी से डर गए थे
मेड्यूसा ने बतया कि जब उनको एचआईवी के बारे में पता चला तो वो बहुत डर गए थे, लग रहा था कि जिंदगी खत्म होने वाली है। उसी के बाद से उन्होंने अपनी जिंदगी अलग तरह से जीने का फैसला किया। वो इंसानों की तरह नहीं रहते हैं, सांपों की तरह रहते हैं, सांप ही उनका परिवार हैं। खास बात ये है कि मेड्यूसा सांपों को ही अपना पेरेंट्स मानते हैं।