भेड़ चराते-चराते करोड़पति बन गया चरवाहा, मैदान में मिले 103 किलो के पत्थर ने बदल दी किस्मत

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कहते हैं ना कि देने वाला जब भी देता है, छप्पर फाड़ कर देता है, ऐसी ही किस्मत बदली थी इस साल फरवरी के महीने में यूके के कॉट्सवोल्ड्स के ग्रामीण इलाके में भेड़ चराने वाले एक चरवाहे की।

New Delhi, May 17 : यूके के Cotswolds में एक चरवाहे के घर के पास अरबों साल पुराने उल्कापिंड गिरे थे, इन उल्कापिंडों की कीमत 1 करोड़ रुपये थी, चरवाहे की किस्मत इन उल्कापिंडों से बदल सकती थी, लेकिन उसने इन पत्थरों को समाज की भलाई के लिये दान कर दिया है।

किस्मत बदली
कहते हैं ना कि देने वाला जब भी देता है, छप्पर फाड़ कर देता है, ऐसी ही किस्मत बदली थी इस साल फरवरी के महीने में यूके के कॉट्सवोल्ड्स के ग्रामीण इलाके में भेड़ चराने वाले एक चरवाहे की, अचानक ही इस चरवाहे के हाथ उल्कापिंड के दो छोटे टुकड़े हाथ लगे थे, इनकी किस्मत एक करोड़ रुपये आंकी गई थी, लेकिन चरवाहे ने इसे म्यूजियम को दान कर दिया है, ये उल्कापिंड करीब 4 बिलियन साल पुराना है, इसकी मदद से स्पेस में जीवन के चांसेज के रहस्य से पर्दा उठ सकता है।

दिखने में था आम पत्थर का टुकड़ा
पत्थर के इन टुकड़ों को देखकर ऐसा लग रहा था, जैसे ये कोई नॉर्मल पत्थर था, लेकिन असल में ये बेहद बेशकीमती था, पत्थर के ये टुकड़े बीते 4 बिलियन सालों से स्पेस में तैर रहा था, लेकिन इस साल फरवरी के महीने में ये पृथ्वी पर गिर गया था, इन्हें भेड़ चराने वाले एक मैदान से पाया गया, इनकी कीमत एक करोड़ रुपये आंकी गई थी, लेकिन चरवाहे ने इसे डोनट कर दिया, अब 17 मई से ये पत्थर म्यूजियम में डिस्प्ले पर लगाये जाएंगे।

बेहद खास है ये पत्थर
इस स्पेस रॉक का नाम Winchcombe meteorite रखा गया है, ये काफी रेयर उल्कापिंड है, इसे कार्बनेशियस कोंड्राईट का एक प्रकार कहा जा रहा है, बताया जा रहा है कि बीते 30 सालों में यूके में मिला ये पहला पत्थर है, आसमान से नारंगी और हरे रंग के आग के गोले की तरह गिरता ये उल्कापिंड सिक्युरिटी कैमरे में कैद हुआ था, इससे पहले ये पत्थर कभी भी जमीन पर नहीं पाया गया था।

गड़गड़ाहट के साथ गिरा था पत्थर
बताया जा रहा है कि ये पत्थर इस साल फरवरी में यूके के एक गांव में गिरा था, चरवाहे को इसके गिरने की तेज आवाज आई थी, जब वो मैदान पहुंचा, वहां उसे 103 किलो का पत्थर मिला था, जिस चरवाहे के मैदान में पत्थर गिरा था, उसकी पहचान 57 साल के विक्टोरिया बांड के रुप में हुई, उसने बताया कि पत्थर गिरने के बाद करीब 5 से 7 वैज्ञानिक उनके घर पहुंचे थे, उन्होने चरवाहे के पत्थर के बदले 1 करोड़ रुपये की पेशकश की, लेकिन जब चरवाहे को पता चला कि ये उल्कापिंड स्पेस की अहम जानकारी दे सकता है, तब उसने उसे डोनेट कर दिया।