‘शहद से भी मीठा बोल रहे PM, भरोसा नहीं होता’, राकेश टिकैत के बयान से हलचल

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि पिछले डेढ़ साल में 750 किसान शहीद हुए हैं, 10 हजार मुकदमे हैं । ऐसे कैसे बिना बातचीत के चले जाएं । टिकैत ने कहा कि पीएम को इतने मीठे बन रहे हैं ….

New Delhi, 20 Nov: कृषि कानून वापस लिए जाने के ऐलान के साथ ही लंबे समय से चला आ रहा किसानों का गतिरोध खत्‍म हो गया । लेकिन गुरु परब की सुबह पीएम कुछ ऐसा कर जाएंगे इसकी किसी को भी उम्‍मीद नहीं थी । विपक्ष हो या किसान संगठन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस ऐलान से सकते में आ गए । खुशी मनाएं, सरकार का धन्‍यवाद करें कुछ कन्‍फ्यूजन सा हो गया । पीएम ने किसानों से अपील की है कि वे सभी अपने घरों को लौट जाएं । लेकिन किसानों का धरना कब खत्म होगा? इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं । मामले में क्‍या कहा किसान नेता राकेश टिकैत ने आगे जानिए ।

इतना मीठा बोले पीम कि शहद भी फेल
किसान नेता राकेश टिकैत ने आजतक से बात करते हुए कहा है कि सरकारी टीवी से घोषणा हुई है । उन्होंने कहा कि अगर कल बातचीत करनी पड़े तो Modi Rakesh Tikaitकिससे करेंगे? राकेश टिकैत ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री को इतना मीठा भी नहीं होना चाहिए । हमारे 750 किसान शहीद हुए, 10 हजार मुकदमे हैं । बगैर बातचीत के कैसे चले जाएं । प्रधानमंत्री ने इतनी मीठी भाषा का उपयोग किया कि शहद को भी फेल कर दिया । हलवाई को तो ततैया भी नहीं काटता । वह ऐसे ही मक्खियों को उड़ाता रहता है ।

प्रधानमंत्री ने एकदम से मारा झटका : टिकैत
राकेश टिकैत ने आगे कहा कि जो मीठी भाषा का इस्तेमाल हो रहा है, उसको बातचीत में डाल दो । राज्यों में विधानसभा चुनाव करीब देख पीएम ने कानून वापसी का ऐलान किया? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि हमें क्या पता क्या वजह है । वापस लेने की वजह में हम नहीं जानना चाहते । हम चाहते हैं कि हमारा काम हो जाए । राकेश टिकैत ने आगे कहा कि हमें भी प्रधानमंत्री ने एक दम से झटका मारा है । वो अपने लोगों से भी सलाह नहीं लेते वे तो । उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ा दो बस । राकेश टिकैत ने आजतक से कहा कि सरकार बिना फंसे कहां बात मान रही । अगर सरकार बिना फंसे मान जाती हो तो हमें बता दो  । टिकैत ने कहा कि 11 दौर की जब बात होती थी तो ये भी कहा जाता था कि तीनों कानून के बाद एमएसपी पर बातचीत करेंगे और ये बातचीत कमेटी के जरिए होगी ।

बातचीत चाहते हैं किसान
कुल मिलाकर राकेश टिकैत ने कहा है कि सरकार को बातचीत करनी चाहिए । एमएसपी गारंटी कानून की मांग बनी हुई है । उन्होंने दावा किया कि आधे रेट में फसल बिक रही है तो हम क्यों बेचें आधे रेट में । टिकैत ने कहा कि अभी स्वामीनाथन कमेटी की बात ही नहीं की है, अभी तो एमएसपी तय करने का मेकैनिज्म भी सही नहीं है पर हम तो यही कह रहे हैं कि उस पर एक गारंटी कानून बना दो । वहीं आंदोलन खत्‍म होगा कि नहीं इस पर आज फैसला होगा। राकेश टिकैत ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग आज सिंघु बॉर्डर पर होगी ।