सरकार ने किसानों की मानी सारी मांगें, 378 दिन बाद खत्म हुआ आंदोलन, 11 दिसंबर को ‘घर वापसी’

Farmers

तीनों कृषि कानूनों के निरस्त होने के बाद भी किसानों ने सरकार के सामने नई मांगें रखी थी, जिनमें सभी राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों में आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज सभी मामले…

New Delhi, Dec 09 : दिल्ली की सीमा पर जारी किसान आंदोलन खत्म होने का ऐलान हो गया है । सरकार ने किसानों को औपचारिक लेटर भेजा है, जिसमें सभी प्रमुख मांगों को मान लिया गया है, सरकार ने किसानों पर दर्ज मामले बिना शर्त वापस लेने की मांग स्वीकार कर ली है, साथ ही पराली जलाने पर आपराधिक मामला दर्ज नहीं होगा, इसके अलावा आंदोलन में मारे गये सभी किसानों के परिजनों को मुआवजा दिया जाएगा, यूपी, पंजाब और हरियाणा सरकार पहले ही मृतक किसानों के परिजनों को मुआवजा तथा नौकरी देने का ऐलान कर चुकी है।

किसान संतुष्ट, 11 दिसंबर को घर वापसी
अब दावा किया जा रहा है कि सरकार की ओर से औपचारिक पत्र मिलने के बाद किसान पूरी तरह से संतुष्ट हैं, अब किसान 11 दिसंबर को घर वापसी करेंगे । kisanआपको बता दें ये आंदोलन पूरे 378 दिन तक चला है । किसान नेता अशोक धावले ने इससे पहले कहा था कि सरकार की ओर से एक आधिकारिक पत्र मिला है, जिसे संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में रखा जाएगा । आपको बता दें मंगलवार के दिन सरकार ने सादे कागज पर किसानों को प्रस्ताव भेजा था। जिसे मान्‍य नहीं किया गया था ।

प्रस्तावों पर चर्चा
बुधवार को 5 वरिष्ठ किसान नेताओं ने सरकार की ओर से दिये गये नये प्रस्तावों पर चर्चा की, जिनमें हजारों किसानों के खिलाफ दर्ज पुलिस केस तत्काल वापस लिये जाने की बात शामिल है, सरकार ने मंगलवार शाम भी किसानों को एक प्रस्ताव भेजा था, जिसमें न्यूनतम समर्थम मूल्य की मांग को लेकर कमेटी गठित करने का भरोसा दिया गया था, हालांकि इसके बाद किसान लगातार आंदोलन के दौरान दर्ज पुलिस केस वापस लिये जाने की मांग कर रहे थे।

किसानों ने रखी थी ये मांगे
तीनों कृषि कानूनों के निरस्त होने के बाद भी किसानों ने सरकार के सामने नई मांगें रखी थी, जिनमें सभी राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों में आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज सभी मामले वापस लेने, आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को मुआवजा तथा नौकरी देनी, पराली जलाने पर कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं होने, इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल पर चर्चा की बात शामिल थी।