राम मंदिर पर खुलकर बोले मोदी के मंत्री, हिंदूओं के सब्र का बांध टूटा, तो पता नहीं क्या होगा ?

राम मंदिर निर्माण के मसले पर गिरिराज सिंह ने कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल पर भी निशाना साधा, उन्होने कहा कि सिब्बल कह रहे हैं, कि अभी इस मसले पर मत बोले, क्योंकि चुनाव है।

New Delhi, Oct 29 : अयोध्या में राम मंदिर के मसले पर केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया दी है, उन्होने ट्वीट किया है कि अब हिंदूओं के सब्र टूट रहा है, मुझे भय है कि अगर सब्र टूटा, तो क्या होगा। सोमवार को केन्द्रीय मंत्री ने ट्विटर पर लिखा कि हिंदुस्तान का दुर्भाग्य है, कि 1947 के बाद हिंदुओं को प्रताड़ित किया गया, पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरु ने धर्म के आधार पर देश का बंटवारा किया, वो राम मंदिर बना सकते थे, लेकिन उन्होने ऐसे नहीं किया, उल्टा वोट के खातिर इसे विवादित मुद्दा बना दिया। गिरिराज सिंह ने आगे लिखा है कि अब हिंदूओं का सब्र टूट रहा है।

हिंदूओं को प्रताड़ित होना पड़ा
सोमवार को राम मंदिर के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मोदी के मंत्री ने एक निजी टीवी चैनल से बात करते हुए कहा कि देश का दुर्भाग्य है, कि हिंदूओं को प्रताड़ित होना पड़ा, आजादी के बाद से ही, हिंदू-मुस्लिम करके देश का बंटवारा किया गया, हिंदूओं की आस्था का केन्द्र राम मंदिर तभी बन गया होता, तो आज ये दुर्दशा नहीं होती, लेकिन नेहरु ने वोट के खातिर इसे विवादित बनाकर रख दिया।

कपिल सिब्बल पर भी निशाना
राम मंदिर निर्माण के मसले पर गिरिराज सिंह ने कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल पर भी निशाना साधा, उन्होने कहा कि सिब्बल कह रहे हैं, कि अभी इस मसले पर मत बोले, क्योंकि चुनाव है, कांग्रेस तो चाहती है कि राम मंदिर ना बने, ये मुद्दा विवादित बना रहे, इसी पर वोट हासिल करते रहे। केन्द्रीय मंत्री ने कड़े शब्दों में कहा कि मंदिर निर्माण के लिये अब हिंदू इंतजार नहीं कर सकते हैं, बहुत इंतजार हो गया, अब सब्र की सीमा टूट रही है, अगर सब्र की सीमा टूट गई तो बहुत कुछ हो सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा ?
आपको बता दें कि आज सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि मालिकाना हक विवाद मामले में दायर याचिका को जनवरी 2019 में एक उचित पीठ के सामने सूचीबद्ध किया जाएगा। मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस के कौल और के एम जोसेफ की पीठ ने ये बात कही, मालूम हो कि भूमि विवाद मामले में दीवानी याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर की गई है। अब उचित पीठ इस मामले में सुनवाई की तारीख तय करेगी।

उचित पीठ के सामने सुनवाई
मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई ने कहा कि हम जनवरी में उचित पीठ के सामने इस मामले की सुनवाई की तारीख तय करेंगे, इससे पहले 3 जजों की एक पीठ ने 2-1 की बहुमत से 1994 के फैसले में मस्जिद को इस्लाम का अभिन्न हिस्सा ना मानते हुए टिप्पणी पर पुनर्विचार का मुद्दा 5 सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजने से इंकार कर दिया था।