सिर्फ 40 रुपये में इन 3 जगहों से ले सकते हैं रायफल का लाइसेंस, जानिये, पूरी प्रॉसेस

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आर्म्स के लिये आवेदन करने वाले व्यक्ति का पुलिस अधिकारी इंटरव्यू भी लेते हैं, ज्यादातर मौकों पर यही सवाल पूछा जाता है कि वो बंदूक क्यों रखना चाहते हैं ?

New Delhi, Jan 31 : भारत में बंदूक का लाइसेंस आर्म्स एक्ट- 1959 के तहत ही दिया जाता है, हमारे देश में रहने वाले नागरिक सिर्फ एनबीपी गन (नॉन प्रॉहिबिटेड बोर) के तहत बंदूक ले सकते हैं, इस एक्ट के तहत कोई भी आम नागरिक अपनी सुरक्षा के लिये बंदूक का लाइसेंस ले सकता है, अगर आप भी लाइसेंसी बंदूक लेना चाहते हैं, तो आइये आज हम आपको बंदूक लेने का पूरा प्रॉसेस बताते हैं।

फॉर्म ए डाउनलोड करें
बंदूक का लाइसेंस लेने के लिये आपको फॉर्म ए भरना होगा, इसे आप www.mha.nic.in/Armslicence से डाउनलोड कर सकते हैं, हमारे देश में मिलने वाले सभी बंदूक के लाइसेंस के लिये इसी फॉर्म का इस्तेमाल किया जाता है, Murderसभी सपोर्टिग डॉक्युमेंट्स के साथ इस आवेदन को ऑर्म्स लाइसेंसिंग ऑफिस में जमा करा दें, ये ऑफिस डीएम, डिप्टी कमिश्नर या पुलिस कमिश्नर ऑफिस में हो सकता है। आपके जिले में आपको पता करना होगा, कि ये आवेदन कहां जमा लिया जाता है।

जरुरी डॉक्युमेंट्स
एड्रेस प्रूफ, एज प्रूफ, फिटनेस सर्टिफिकेट के साथ ही लाइसेंस ईश्यु करने वाले अधिकारी दूसरे जरुरी डॉक्युमेंट्स की भी डिमांड कर सकते हैं। gun3आर्म्स लाइसेंस की जरुरत और नेचर के हिसाब से भी डॉक्युमेंट्स की मांग की जा सकती है। ये इलाके पर भी डिपेंड करता है।

लाइसेंसिंग अथॉरिटी
प्रोहिबिटेड बोर (पीबी) हथियारों को देने के लिये लाइसेंसिग अथॉरिटी केन्द्र सरकार का होम मिनिस्ट्री है, Home Ministryजबकि नॉन प्रोहिबिटेड बोर (एनपीबी) आर्म्स ड्रिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और दूसरे डिस्ट्रिक्ट अथॉरिटी द्वारा जारी किये जाते हैं। सारे कागजात की वेरिफिकेशन उसी स्तर पर किया जाता है।

रिजेक्ट हो सकता है आवेदन
आपके आर्म्स लाइसेंस का आवेदन रिजेक्ट भी किया जा सकता है, हालांकि इसके पीछे के रीजन भी आपको बताये जाते हैं, Applicationआपको बता दें कि आर्म्स लाइसेंस के लिये अप्लाई करने के बाद पुलिस आवेदन करने वाले व्यक्ति के रिकॉर्ड्स चेक करती है, उसमें देखा जाता है कि पहले इस व्यक्ति का कोई आपराधिक रिकॉर्ड तो नहीं रहा है, साथ ही एड्रेस का भी सत्यापन किया जाता है।

वेरिफिकेशन
आपको बता दें कि आवेदन करने वाले व्यक्ति का कैरेक्टर चेक किया जाता है कि कहीं उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड तो नहीं है,Police संबंधित व्यक्ति के बारे में तमाम जानकारियां जुटाने के बाद भी आपको लाइसेंस इश्यु किया जाता है, इसके साथ ही जिस कॉलोनी या मोहल्ले में आप रहते हैं, वहां के दो लोगों से आपके कैरेक्टर को लेकर पूछा जाता है कि आपके संबंध वहां रहने वाले लोगों से कैसा है। साथ ही आप मानसिक या शारीरिक तौर पर बीमार तो नहीं हैं।

पुलिस अधिकारी लेंगे इंटरव्यू
आर्म्स के लिये आवेदन करने वाले व्यक्ति का पुलिस अधिकारी इंटरव्यू भी लेते हैं, ज्यादातर मौकों पर यही सवाल पूछा जाता है कि वो बंदूक क्यों रखना चाहते हैं ? Gun2इसके साथ ही कुछ और सवाल भी किये जा सकते हैं, आवेदक अपने अनुसार इन सवालों के जबाव देते हैं।

दे दिया जाता है लाइसेंस
इंटरव्यू के बाद आवेदक की रिपोर्ट क्रिमिनल ब्रांच के साथ ही नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के पास जाती है, अगर इसमें कोई आपत्ति नहीं आई, gun1तो फिर पुलिस अधिकारी आवेदन करने वाले के दस्तावेजों को चेक करते है, फिर उन्हें लाइसेंस दे दिया जाता है। लाइसेंस मिलने के बाद आवेदन गन बेचने वाले किसी डीलर से संपर्क कर सकते हैं, आवेदक को अपनी पसंद की बंदूक के लिये प्री-ऑर्डर करना होता है।

कितनी लगती है फीस ?
पिस्टल, रिवॉल्वर और रिपिटिंग रायफल के लिये लाइसेंस फीस सौ रुपये है, वहीं रिन्यूअल फीस 50 रुपये है, 22 बोर रायफल लाइसेंस की कीमत चालीस रुपये, Rupeesऔर रिन्यूअल चार्ज बीस रुपये है। एमएल गन, एयर गन के लिये 10 रुपये फीस लगती है, तो रिन्यूअल चार्ज 5 रुपये लगती है। अलग-अलग हथियारों की कैटेगरी के हिसाब से फीस और चार्ज अलग-अलग है।