एक आम कार्यकर्ता से राष्ट्रीय अध्यक्ष तक का सफर, अमित शाह के अनुसार ऐसे आएगा बीजेपी का स्वर्ण काल

अमित शाह का मानना है कि बीजेपी का स्वर्णिम काल अभी आना बाकी है। पिछले दिनों वामपंथी किला कहे जाने वाले त्रिपुरा में भी अमित शाह ने सेंध लगा दी, वहां भी भगवा झंडा लहरा दिया।

New Delhi, Oct 22 : विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का आज जन्मदिन है, वो आज 54 साल के हो गये हैं, इस अवसर पर पीएम मोदी समेत तमाम नेताओं ने उन्हें जन्मदिन की बधाई दी। बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के प्रमुख रणनीतिकार और शख्सियत बनकर उभरे। अमित शाह ने बीजेपी में एक आम कार्यकर्ता से राष्ट्रीय अध्यक्ष तक का सफर तय किया है, वो पीएम मोदी के सबसे भरोसेमंद माने जाते हैं।

स्टॉक ब्रोकर थे अमित शाह
अमित शाह का पूरा नाम अमित अनिल चंद्र शाह है, उनका जन्म व्यवसायी अनिलचंद्र शाह के घर (मुंबई) में साल 1964 में हुआ था। अमित शाह ने बॉयोकेमिस्ट्री में बीएससी तक की शिक्षा हासिल की है, बाद में वो अपने पिता के व्यवसाय को संभालने लगे, आगे चलकर एबीवीपी के माध्यम से वो बीजेपी से जुड़े, कुछ साल तक स्टॉक ब्रोकर के तौर पर भी उन्होने काम किया। उसी दौरान वो आरएसएस से जुड़े और बीजेपी के सक्रिय सदस्य के तौर पर काम करने लगा। उसी दौरान बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी गांधी नगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे थे, तब अमित शाह उनके करीब आये और गांधी नगर सीट पर चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी संभाली।

हर मोर्चे पर उतरे खरे
बीजेपी अध्यक्ष गुजरात स्टेट चेस एसोसिएशन के अध्यक्ष और गुजरात राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष रहे। लाल कृष्ण आडवाणी ने उनकी कार्य कुशलता को देख चुनाव लड़ने के लिये कहा, उस दौर में वो आडवाणी जी के बेहद करीबी माने जाते थे। कहा जाता है कि अमित शाह को जिस काम की जिम्मेदारी सौंपी जाती थी, वो उसे बखूबी पूरा करने की कोशिश करते थे। जब सीएम बनकर नरेन्द्र मोदी गुजरात पहुंचे, तो अमित शाह जल्दी ही उनके सबसे करीबी लोगों में गिने जाने लगे।

मोदी के सबसे भरोसेमंद
अमित शाह नरेन्द्र मोदी के कितने भरोसेमंद है, इस बात का अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं, कि जब मोदी को पीएम उम्मीदवार घोषित किया गया, तो मोदी के कहने पर अमित शाह को यूपी का प्रभारी बनाया गया। चुनाव जीतने के बाद नरेन्द्र मोदी ने मंच से कहा था, कि अगर राजनाथ सिंह (तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष) टीम के कप्तान हैं, तो इस चुनाव के मैन ऑफ द मैच अमित भाई हैं। राजनाथ सिंह के गृहमंत्री बनने के बाद अमित शाह को पार्टी की जिम्मेदारी सौंपी गई, जिसे बखूबी वो आगे बढा रहे हैं।

बीजेपी का स्वर्ण काल
बीजेपी आज जिस मुकाम पर है, वहां तक पहुंचाने में अमित शाह का भी योगदान रहा है, केन्द्र में बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार है, देश के ज्यादातर राज्यों में बीजेपी या सहयोगी दलों की सरकार है, इसके बावजूद अमित शाह का मानना है कि बीजेपी का स्वर्णिम काल अभी आना बाकी है। पिछले दिनों वामपंथी किला कहे जाने वाले त्रिपुरा में भी अमित शाह ने सेंध लगा दी, वहां भी भगवा झंडा लहरा दिया, इतनी बड़ी जीत के बाद अमित शाह ने प्रेस कांफ्रेस में कहा था कि बीजेपी का स्वर्णिम काल आना बाती है, जब तक ओडिशा, पश्चिम बंगाल और केरल में बीजेपी की सरकार नहीं बनेगी, तब तक बीजेपी का स्वर्णिम काल नहीं आएगा।