वृति शर्मा हरियाणा के रोहतक के मॉडल स्कूल से बारहवीं पास करने के बाद उन्होने रादौर से मेकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया।
New Delhi, Mar 13 : वो जापान की एक बड़ी कंपनी में इंजीनियर के पद पर तैनात थी, लेकिन देश के लिये कुछ करने का जज्बा हमेशा उन्हें कचोटता था, जिसके बाद उन्होने एसएसबी की परीक्षा देनी शुरु की, तीसरे ही चांस में उन्होने फतह हासिल कर ली। अब वो इंजीनियर से लेफ्टिनेंट बन चुकी हैं, उनके देश सेवा का सपना भी पूरा हो गया है। जी हां, हम बात कर रहे हैं हरियाणा के रोहतक की बेटी वृति शर्मा की, वो चेन्नई की ऑफिसर ट्रेनिंग एकेडमी से पास आउट हुई है, उन्हें ओटीए का सिल्वर मेडल अवॉर्ड मिला है।
कुपवाड़ा में पहली पोस्टिंग
ट्रेनिंग पूरी होने के बाद रोहतक की वृति शर्मा को जम्मू के कुपवाड़ा में पहली पोस्टिंग मिली है, रोहतक में पली-बढी वृति मूल रुप से झज्जर के बेरी गांव की रहने वाली हैं। उनके पिता बैंक मैनेजर हैं, तो मां स्पेशल एबेल्ड चाइल्ड के स्कूल में मनोचिकित्सक हैं।
बचपन से होशियार
वृति शर्मा के परिवार के लोग बताते हैं कि वो बचपन से ही बहुत होशियार हैं, वो जिस काम को भी करना चाहती है, उसे अच्छे से करती हैं, फिर चाहें, डांस हो, पेंटिंग हो या स्पोर्ट्स और पढाई, वो हर चीज में होशियार रही हैं। वृति के परिवार के लोगों ने बताया कि उन्हें अध्यात्म में भी काफी रुचि है, उन्हें राम चरित मानस कंठस्थ याद है।
इंजीनियर से बनीं लेफ्टिनेंट
हरियाणा के रोहतक के मॉडल स्कूल से बारहवीं पास करने के बाद उन्होने रादौर से मेकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। फाइनल ईयर में उनका चयन जापान की एक कंपनी में हो गया। तभी साल 2015 में उनकी मुलाकात चंडीगढ की विंग कमांडर पूजा से हुई। आपको बता दें विंग कमांडर पूजा अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा को एस्कार्ट कर चुकी हैं, उनसे ही प्रेरणा लेकर वृति ने आर्मी में जाने की ठानी ।
अच्छी सैलरी छोड़ चुनी ये राह
जापानी कंपनी ने उन्हें अच्छी सैलरी पैकेज पर हायर किया था, लेकिन वृति का मन कहीं और ही लगा हुआ था, उन्होने नौकरी तो ज्वाइन कर ली, लेकिन एसएसबी की परीक्षा की तैयारी भी करनी शुरु कर दी। दो बार असफलता मिलने के बाद तीसरी बार में उनका चयन हो गया। लेकिन वजन ज्यादा होने की वजह से उनके सामने चुनौती खड़ी थी, उन्होने नौकरी के साथ-साथ वजन भी कम करना शुरु किया, जिसके एकेडमी में उन्हें प्रवेश मिल गया।
बेटियां हर फील्ड में आगे
वृति शर्मा का कहना है कि बेटियां किसी भी फील्ड में आज पीछे नहीं है, उन्हें मौका मिलना चाहिये, फिर उनके लिया कोई भी काम असंभव नहीं है, देश सेवा को लेकर वो काफी एक्साइटेड हैं, उन्होने कहा कि मैं बहुत खुश हूं, कि देश के लिये अपना योगदान दूंगी। वृति ने अपनी उपलब्धि के लिये अपने शिक्षक और अभिभावक को इसका श्रेय दिया है।
हरियाणा की बेटियों का कमाल
वृति शर्मा और प्रीति चौधरी ने चेन्नई में देश के 200 लड़कों को पछाड़ कर ऑफिसर ट्रेनिंग में शीर्ष दो स्थान हासिल की है, दोनों ही लड़कियां हरियाणा की बेटी है। प्रीति चौधरी को पहला तो वृति शर्मा को दूसरा स्थान मिला है। आपको बता दें कि प्रीति चौधरी मूल रुप से पानीपत के बिंझौल की रहने वाली है, हालांकि अब उनका परिवार चंडीगढ के पास जीरकपुर में बस गया है।
बेटियां देश सेवा कर रही- प्रीति
प्रीति चौधरी के पिता इंद्र सिंह ऑर्मी से रिटायर्ड कैप्टन हैं, उनकी मां सुनीता टीचर हैं, प्रीति ने अपने बचपन को याद करते हुए कहा कि उनके पिता ऑर्मी में थे, इस वजह से वो कम छुट्टी ले पाते थे, लेकिन उनकी मां ने उनका हर कदम पर साथ दिया, उन्हें बाहर भी भेजा। प्रीति चौधरी ने आगे बोलते हुए कहा कि मुझे ये साबित करना था, कि बेटियां घर के काम करने के लिये नहीं होती, वो देश सेवा भी कर सकती है।
पिता ने जहां छोड़ा, बेटी ने वहीं से शुरु किया
प्रीति चौधरी की मां सुनीता ने कहा कि उनके परिवार के लिये ये गर्व की बात है, जहां उनके पिता ने छोड़ा, बेटी वहीं से शुरुआत कर रही है, आपको बता दें कि प्रीति के पिता लेफ्टिनेंट पद से रिटायर हुए, बेटी का उसी पद पर चयन हुआ है। उनकी मां ने बताया कि जब प्रीति छोटी थी, तो पापा की टोपी पहन कहती थी मुझे भी ऑर्मी में जाना है। फिलहाल प्रीति चौधरी को अंबाला में पोस्टिंग मिली है।