कभी अपनी खूबसूरती की वजह से पर्यटकों को लुभाता था भारत का ये गांव, आज है भुखमरी की कगार पर

इस गांव का संपर्क पूरी तरह से ठप्प हो चुका है, भू-स्खलन की वजह से गांव के आवाजाही की कनेक्शन टूट चुका है।

New Delhi, Jul 26 : हमारे देश में कई गांव ऐसे हैं, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता की वजह से पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। ऐसा ही एक गांव है भंगाल, जो रावी नदी के किनारे बसा है, ये गांव पर्यटकों को खूब लुभाती है, ये बेहद सुंदर है, लेकिन इन दिनों इस गांव पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। दरअसल इस गांव का संपर्क पूरी तरह से ठप्प हो चुका है, भू-स्खलन की वजह से गांव के आवाजाही की कनेक्शन टूट चुका है, वर्तमान में गांव की स्थिति अकाल वाली हो चुकी है।

कहां है ये गांव ?
हिमाचल प्रदेश के कांगड़े जिले के बैजनाथ कस्बे में बसा है ये गांव, यहां तक पहुंचने के लिये कोई भी सड़क मार्ग नहीं है, गांव में पहुंचने के लिये केवल बैजनाथ के बीड़ से 3 दिन का पैदल सफर तय करके थमसर पास को पार करके ही जाया जा सकता है। मालूम हो कि इस गांव में 6 महीनों तक बर्फ गिरने की वजह से गांव बाकी गांवों से कट जाता है, इसलिये बर्फ गिरने से पहले ही गांव के लोग यहां से पास के गांव बीड़ चले जाते हैं।

कैसे पहुंचा जा सकता है ये गांव
अगर आप इस खूबसूरत गांव को देखना चाहते हैं, तो यहां पहुंचने के लिये आपको ऊंचे पहाड़ों से होते हुए या फिर रावी नदी के किनारे स्थित खतरनाक चट्टानों को पार करते हुए सफर करना होगा। ये गांव पहाड़ियों से घिरा हुआ है, इन पहाड़ियों को पार करके ही आप घाटी में बसे इस गांव में दाखिल हो सकते हैं। हालांकि स्थानीय लोगों के अनुसार यहां तक पहुंचने के रास्ते 8 महीने बंद ही रहते हैं।

खतरनाक रास्ता
यहां चट्टानों का एक छोटा सा रास्ता है, जो बेहद खतरनाक है, इस रास्ते का इस्तेमाल कर आप सिर्फ 6 महीने ही इस गांव में पहुंच सकते हैं, वो भी अगर मौसम में कुछ उलट-फेर नहीं हुआ तो। हैरानी की एक बात ये भी है कि इस गांव में केवल एक ही सेटेलाइट फोन है, लेकिन इन दिनों वो भी पूरी तरह से कट चुका है, इसलिये यहां के लोगों से बातचीत नहीं हो पाती है।

खतरे में है गांव
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भूस्खलन की वजह से इस गांव का संपर्क बाकी जगहों से पूरी तरह से कट चुका है। गांव के 400 चरवाहों, उनके मवेशियों पर जीवन संकट गहरा गया है। कहा जा रहा है कि गांव के पास जमा राशन भी खत्म होने की कगार पर है, बचे हुए राशन से वो एक महीना भी नहीं गुजार पाएंगे।

सरकार क्या कर रही है ?
इस गांव की सभी समस्याएं समाप्त हो जाएगी, बस यहां एक पक्की सड़क का निर्माण हो जाए, हालांकि बैजनाथ के एसडीएम विकास शुक्ला का कहना है कि इस गांव के लिये जिस इलाके से होकर सड़क बननी है, वो इलाका जंगल से गुजरता है। इस वजह से यहां सड़क निर्माण कराने में बहुत अधिक धन की जरुरत पड़ेगी, इसी वजह से अभी तक यहां सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है।

आप क्या कर सकते हैं ?
जी हां, इस खूबसूरत गांव को बचाने के लिये आप भी अपने स्तर पर कुछ कर सकते हैं, जैसे आप कुछ आर्थिक मदद के साथ-साथ डेली यूज के सामान भी हेलीकॉप्टर से भिजवा सकते हैं, इसके साथ ही आप अगर सोशल मीडिया या फिर दूसरे प्लेटफॉर्म पर लोगों तक ये जानकारी पहुंचाएंगे, तो हो सकता है, वो भी मदद के लिये आगे आ जाएं।