नहीं रहे हॉकी लीजेंड चरणजीत सिंह, पाक को ओलंपिक में हराकर देश को दिलाया था गोल्ड मेडल

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चरणजीत सिंह ने अपनी कप्तानी में भारतीय टीम को 1964 के टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाया था।

New Delhi, Jan 27 : भारत के पूर्व हॉकी कप्तान तथा दिग्गज खिलाड़ी चरणजीत सिंह ने इस दुनिया से विदा ले लिया है, चरणजीत भारतीय हॉकी के सुनहरे युग का हिस्सा थे, वो देश की कई यादगार जीतों का हिस्सा रहे हैं, चरणजीत 92 साल के थे, उम्र संबंधी बीमारियों के पिछले काफी समय से परेशान थे, इस महान खिलाड़ी ने हिमाचल प्रदेश के ऊना में आखिरी सांस ली, उन्हें अर्जुन अवॉर्ड के अलावा पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया था।

कप्तानी में गोल्ड मेडल
चरणजीत सिंह ने अपनी कप्तानी में भारतीय टीम को 1964 के टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाया था, इसके अलावा 1960 में हुए रोम में ओलंपिक खेलों में भी वो टीम का हिस्सा थे, उन खेलों में भारत ने सिल्वर मेडल जीता था, वहीं इसके दो साल बाद चरणजीत सिंह ने एशियन गेम्स में भी भारत को सिल्वर मेडल दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।

हिमाचल यूनिवर्सिटी में डायरेक्टर
चरणजीत सिंह का जन्म 22 नवंबर 1930 को ऊना के मैरी गांव में हुआ था, उन्होने पहले पंजाब यूनिवर्सिटी फिर ब्राउन कैंब्रिज स्कूल से पढाई की, रिटायरमेंट के बाद वो हिमाचल यूनिवर्सिटी के फिजिकल एजुकेशन विभाग के डायरेक्टर बने, 1964 में टोक्यो ओलंपिक के अलावा वो 1960 के रोम ओलंपिक में भी सिल्वर जीतने वाली टीम का हिस्सा थे, बढती उम्र की वजह के कई बीमारियों से परेशान चल रहे थे, पिछले साल कोरोना के समय ऊना के डीसी ने खुद उनके घर जाकर उनका हाल-चाल लिया था।

टीम का जोरदार स्वागत
रोम ओलंपिक 1960 के फाइनल में भारत और पाकिस्तान की टीम भिड़ी थी, भारत को पाक से हार मिली थी, 1964 में जब चरणजीत सिंह को कप्तानी मिली, तो उनके पास मौका था, कि वो एक बार फिर से टीम को चैंपियन बनाये, उन्होने ऐसा किया, पाक ने भारत को फाइनल में हरा उसके स्वर्णिम सफर को तोड़ा था, भारत ने दो ड्रॉ के बाद लीग चरण के बाकी बचे 4 मैचों में सभी में जीत हासिल कर सेमीफाइनल में कदम रखा, यहां उन्होने ऑस्ट्रेलिया को 3-1 से हराया, फाइनल में फिर भारत-पाक की टीम थी, चरणजीत सिंह को अपनी टीम को ये बताने की जरुरत नहीं थी, कि ये जीत कितनी खास है, भारत ने पाकिस्तान को 1-0 से हराया, चरणजीत जब टीम के साथ वापस लौटे, तो एयरपोर्ट पर फैंस ने उनका जोरदार स्वागत किया था।