कृषि कानून वापस लेने से मोदी सरकार को होगा बड़ा फायदा? जानिये क्या कहता है हालिया सर्वे

Narendra Modi

सर्वे के मुताबिक अब अंत में किसान आंदोलन के पीछे के वास्तविक उद्देश्यों के बारे में पूछा गया, तो 56.7 फीसदी लोगों ने कहा कि आंदोलन मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को कमजोर करने के लिये था।

New Delhi, Nov 22 : तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के ऐलान के मोदी सरकार के फैसले का बीजेपी सरकार सरकार को नुकसान होता नहीं दिख रहा है, ये दावा हम नहीं कर रहे बल्कि आईएएनएस-सी वोटर स्नैप ओपिनियन पोल में ये बातें कही गई है। आपको बता दें कि पीएम ने 19 नवंबर को तीनों नये कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी, इसके बाद से तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही थी, सरकार के इस फैसले से बीजेपी या पीएम के चेहरे को कितना नुकसान होगा या फायदा होगा, अब इसी को लेकर किये गये एक सर्वे में 52 फीसदी लोगों ने कहा कि पीएम ने सही फैसला लिया है, ये सर्वे कानून के रद्द करने की घोषणा के कुछ ही घंटों के भीतर किया गया है।

किसानों के लिये फायदेमंद
सर्वे के मुताबिक 50 फीसदी से ज्यादा लोगों का दावा है कि कृषि कानून किसानों के लिये फायदेमंद है, हालांकि 30.6 फीसदी ने दावा किया, कि ये कानून किसानों के लाभ के लिये नहीं थे, 40.7 फीसदी लोगों ने कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिये सरकार को, तथा 22.4 फीसदी ने विपक्ष को और 37 फीसदी ने प्रदर्शनकारियों को श्रेय दिया है।

सरकार का रवैया
पीएम मोदी के किसानों के प्रति रवैये को लेकर भी इस सर्वे में लोगों से सवाल पूछा गया था, सर्वे में 58.6 फीसदी नागरिकों ने कहा कि पीएम मोदी वास्तव में किसानों के समर्थक हैं, वहीं 29 फीसदी नागरिकों ने कहा कि जो किसान विरोधी है, इससे भी महत्वपूर्ण बात ये है कि 50 फीसदी से ज्यादा विपक्षी वोटर मोदी को किसान समर्थक मानते हैं।

आंदोलन के पीछे का उद्देश्य
सर्वे के मुताबिक अब अंत में किसान आंदोलन के पीछे के वास्तविक उद्देश्यों के बारे में पूछा गया, तो 56.7 फीसदी लोगों ने कहा कि आंदोलन मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को कमजोर करने के लिये था, जनता ने कहा कि योजना राजनीति से प्रेरित थी, वहीं 35 फीसदी लोगों ने इस दावे को नकार दिया। आपको बता दें कि इन कानूनों के विरोध में किसान करीब 1 साल से आंदोलन कर रहे हैं, इस आंदोलन के दौरान सैकड़ों किसानों की मौत हो चुकी है, कानून वापस लेने के फैसले के बाद भी किसान प्रदर्शन खत्म करने के लिये तैयार नहीं हैं, किसानों का कहना है कि सरकार पहले इसे कानूनी रुप से रद्द करे, एमएसपी समेत बाकी मुद्दों का भी हल निकाले।