UN इमरजेंसी मीटिंग में यूक्रेन ने कही बड़ी बात, भारत भी खुलकर आया सामने, कही ऐसी बात

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टीएस तिरुमूर्ति ने यूक्रेन में फंसे हुए भारतीयों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि भारत अपने नागरिकों को तत्काल यूक्रेन से निकालने की हरसंभव कोशिश कर रहा है।

New Delhi, Mar 01 : रुस-यूक्रेन जंग पर संयुक्त राष्ट्र महासभा की इमरजेंसी मीटिंग में भारत ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि वो विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में है, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने 11वें आपातकालीन विशेष सत्र में भारत का पक्ष रखते हुए कहा कि नई दिल्ली का दृढ विश्वास है कि कूटनीति के रास्ते पर लौटने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।

हम हर संभव कोशिश कर रहे
टीएस तिरुमूर्ति ने यूक्रेन में फंसे हुए भारतीयों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि भारत अपने नागरिकों को तत्काल यूक्रेन से निकालने की हरसंभव कोशिश कर रहा है, उन्होने सदस्य देशों से कहा कि ये एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, इस पर तुरंत ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है, आपको बता दें कि यूक्रेन में भारतीय छात्रों के साथ मारपीट की भी खबरें आई है।

यूक्रेन के पड़ोसियों का धन्यवाद
भारतीय प्रतिनिधि ने यूक्रेन के उन पड़ोसी देशों को भी धन्यवाद दिया है, जिन्होने इंडियन स्टूडेंट्स को बाहर निकालने में मदद के लिये अपनी सीमाएं खोल दी है, उन्होने कहा कि ukraine1 मैं यूक्रेन के सभी पड़ोसी देशों को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होने हमारे नागरिकों के लिये अपनी सीमाएं खोल दी है, हमारे मिशनों और उनके कर्मियों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई है, हम अपने पड़ोसियों और विकासशील देशों के उन लोगों की मदद के लिये तैयार हैं, जिन्हें सहायता की जरुरत है।

रुस का झूठ नहीं हमारे आंसू देखो
इस मीटिंग में यूक्रेन ने रुस पर कई आरोप लगाये, यूक्रेन के प्रतिनिधि ने कहा कि रुस के झूठ को ना सुनें, हमारे आंसू देखें, हमारा दर्द महसूस करें, हमें आपकी मदद की जरुरत है, उन्होने कहा कि रुसी सेना कहर बरपा रही है, उसे रोका जाना चाहिये, हालांकि रुस ने अपनी कार्रवाई को जायज बताया, उन्होने कहा कि आम नागरिक उसके निशाने पर नहीं है, यूक्रेन के राजदूत सर्गेई किस्लित्स्या ने रुस के खिलाफ लाये गये प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि अगर यूक्रेन नहीं बचता है, तो संयुक्त राष्ट्र नहीं बचेगा, और ये कोई भ्रम नहीं है।