ठीक 7 साल पहले, टीम इंडिया का विश्व विजय अभियान शुरू हुआ था, ताजा कर लो याद

team india

आज से ठीक 7 साल पहले आज ही के दिन टीम इंडिया ने अपने विश्व विजय अभियान की शुरूआत की थी, सामने वो टीम थी जिसके कारण पिछले वर्ल्ड कप में बाहर हुए थे।

New Delhi, Feb 19: आज की तारीख भारत के हर क्रिकेट प्रेमी को याद होगी, जिनको याद नहीं उनको हम याद दिलाए देते हैं, 19 फरवरी 2011 का दिन, वो दिन जब क्रिकेट के मैदान में टीम इंडिया के विश्व विजय अभियान की शानदार शुरूआत हुई थी, क्रिकेट वर्ल्ड कप 2011 में भारत ने अपना पहला मैच 19 फरवरी को ही खेला था, विरोधी टीम वो थी, जिसके कारण 2007 वर्ल्ड कप में भारत को शर्मनाक तरीके से बाहर होना पड़ा था, राहुल द्रविड़ के करियर की सबसे बुरी याद, बांग्लादेश के साथ 2011 वर्ल्ड कप में भारत का पहला मैच था। ये वर्ल्ड कप तो नई पीढ़ी के लिए किसी अनमोल खजाने से कम नहीं है।

कई हिसाब पूरे करने थे
2011 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया को कई हिसाब पूरे करने थे। पहला ही मैच बांग्लादेश के साथ था, वही टीम जिसके कारण 2007 के वर्ल्ड कप में हम बाहर हुए थे, इसी मैच के साथ भारत के अभियान नो जो रफ्तार पकड़ी तो वो धोनी के विजय छक्के के साथ खत्म हुी थी, बांग्लादेश के साथ मैच भी बहुत मजेदार था।

वीरू ने पूरी की कसम
2007 में बांग्लादेश के हाथों हार की टीस अभी भी टीम प्लेयर्स के मन में थी, वीरेंद्र सहवाग ने तो कसम खाई थी कि वो बांग्लादेश को जमकर धोएंगे, वर्ल्ड कप के पहले ही मैच में उन्होंने अपनी कसम पूरी कर ली, बांग्लादेश के खिलाफ वीरू ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 175 रन बनाए. इस में 14 चौके और 6 छक्के शामिल थे।

विराट कोहली ने भी दिखाया दम
बांग्लादेश के खिलाफ वर्ल्ड कप के पहले मैच में विराट कोहली ने भी अपना दम दिखाया, दिल्ली के दोनो लड़कों ने बांग्लादेश की बॉलिंग की धज्जियां उड़ा दीं, कोहली ने 83 गेंद में 100 रन की पारी खेली, जिस में 8 चौके और 2 छक्के शामिल थे। इन दोनों की शानदार बल्लेबाजी के दम पर टीम इंडिया ने बांग्लादेश के सामने 371 रनों का टारगेट रखा था।

भारतीय बॉलिंग का कमाल
373 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी बांग्लादेश की टीम भारतीय बॉलिंग अटैक के सामने केवल 283 रन ही बना पाई और अपने 9 विकेट खो दिए, भारत ने ये मैच 87 रनों से जीत लिया था. मुनाफ पटेल ने 10 ओवर में 48 रन देकर 4 विकेट झटके थे। इसी के साथ भारत ने बांग्लादेश से पिछले वर्ल्ड कप में हार का बदला भी ले लिया।

टीम ने पकड़ी रफ्तार
2011 के वर्ल्ड कप के पहले ही मैच में बांग्लादेश को करारी हार के बाद भारतीय टीम ने जो रफ्तार पकड़ी को विश्व विजेता बनने के बाद रुकी, भारत ने 83 में वर्ल्ड कप जीता था, उसके बाद 2011 में जीता , 28 साल के सूखे को धोनी की टीम ने खत्म किया, ये वर्ल्ड कप कई मायनों में याद रखा जाएगा।

वर्ल्ड कप के राजा बने युवराज
2011 वर्ल्ड कप में युवराज सिंह ने शानदार खेल दिखाया, इस वर्ल्ड कप में उनको ऑल राउंड खेल के कारण मैन ऑफ दी सीरीज का खिताब मिला था। वर्ल्ड कप के दौरान युवराज की तबीयत खराब थी, कैंसर के लक्षण दिखने लगे थे, लेकिन उसके बाद भी युवराज ने टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किया।

पूरा हुआ सचिन का सपना
2011 वर्ल्ड कब जीत कर टीम इंडिया ने सचिन तेंदुलकर का सालों पुराना सपना भी पूरा कर दिया, सचिन के करियर की सबसे बड़ी कमी वर्ल्ड कप थी, धोनी की सेना ने उस कमी को पूरा कर दिया, फाइनल मैच के बाद जिस तरह से टीम के सदस्यों ने सचिन को कंधे पर बैठाकर स्टेडियम का चक्कर लगाया वो दिखाता है कि सचिन के आंसुओं की कीमत हर किसी को पता थी।

धोनी का विजय छक्का
बांग्लादेश को मात देने के साथ शुरू हुआ टीम इंडिया का सफर एम एस धोनी के छक्के के साथ खत्म हुआ फाइनल में श्रीलंका के खिला जब धोनी ने छक्क लगाया तो पूरा स्टेडियम झूम उठा, वो छक्का आइकोनिक छक्का बन गया है, कमेंट्री बॉक्स में रवि शास्त्री की आवाज आज भी हर किसी के मन में बसी है। इसी के साथ धोनी भारत के महानतम कप्तान बन गए, जो पहले टी 20 वर्ल्ड कप जीत चुके थे, उसके बाद 50 ओवर का वर्ल्ड कप भी जीत लिया।